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पटना के ये दो अस्पताल बनेंगे कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल, दूर होगी IGIMS में चिकित्सकों की कमी

तीन दिनों के अंदर आइजीआइएमएस में कोरोना मरीजों के लिए और 100 बेडों की व्यवस्था की जा रही है. वहीं, 500 बेडोें के इएसआइसी अस्पताल, बिहटा को भी कोरोना के लिए डेडिकेटेट अस्पताल बनाया जायेगा.

पटना. स्वास्थ्य विभाग ने एनएमसीएच को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. साथ उन्होंने बताया कि तीन दिनों के अंदर आइजीआइएमएस में कोरोना मरीजों के लिए और 100 बेडों की व्यवस्था की जा रही है. वहीं, 500 बेडोें के इएसआइसी अस्पताल, बिहटा को भी कोरोना के लिए डेडिकेटेट अस्पताल बनाया जायेगा. यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सांसद रामकृपाल यादव के पत्र के जवाब में दी है.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बिहटा में मौजूद इएसआइसी अस्पताल को 500 बेड का कोविड-19 अस्पताल बनाया जायेगा. इस कोविड विशेष अस्पताल की स्थापना डीआरडीओ के स्तर से की जायेगी. यह जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव से फोन पर बातचीत करने के दौरान दी है.

इस विशेष अस्पताल को स्थापित करने के लिए सांसद ने केंद्र सरकार पत्र भी लिखा था. इसके बाद केंद्र के स्तर से यह कार्रवाई की गयी है. सांसद ने अपने पत्र में कहा था कि पटना में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में बिहटा में अस्पताल की स्थापना करने से काफी सहूलियत होगी.

आइजीआइएमएस में चिकित्सकों की कमी पूरी की जायेगी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आइजीआइएमएस में जितने अतिरिक्त चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत होगी, उन्हें जल्द पूरा किया जायेगा. इसके अलावा इस अस्पताल को अन्य जिन सुविधाओं की भी आवश्यकता होगी, उसे उपलब्ध कराया जायेगा. अस्पताल के निर्माणाधीन कार्यों को जल्द पूरा किया जाये. मुख्यमंत्री के कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद उनके समक्ष आइजीआइएमएस के निदेशक एनआर विश्वास ने अस्पताल के विस्तारीकरण से संबंधित प्रस्तुतीकरण देकर सभी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आइजीआइएमएस के चारों चरणों का निर्माण पूरा होने के बाद यहां मेडिकल के छात्रों के अध्ययन की सुविधा के साथ-साथ मरीजों के इलाज में ज्यादा सहूलियत होगी. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बिहार के लोगों को बेहतर इलाज के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें.

इससे पहले आइजीआइएमएस निदेशक ने प्रस्तुतीकरण के जरिये बताया कि चार चरणों में इसका विस्तारीकरण किया जा रहा है. पहले चरण का कार्य पूरा हो गया है. दूसरे चरण में यहां कैंसर रिसर्च सेंटर भी बनाया जायेगा. अभी कैंसर से संबंधित इलाज के लिए 100 बेडों वाला अस्पताल तैयार किया गया है. इसे बढ़ा कर 500 बेड का निर्माण करने से संबंधित कार्य तेजी से चल रहा है.

अस्पताल को सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, सीएम के ओएसडी गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

अधिक-से-अधिक टीकाकरण हो

मुख्यमंत्री ने दूसरा डोज लेने के बाद कहा कि पहला डोज एक मार्च को लिया था. पहले 31 मार्च को दूसरा डोज लेना था, लेकिन केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप छह से आठ सप्ताह के बीच दूसरा डोज लेने की बात हुई और आइजीआइएमएस ने आज की तिथि दूसरे डोज के लिए निर्धारित की थी. उसी के आधार पर हमलोगों ने आज दूसरा डोज लिया है. अधिक- से- अधिक लोगों को कोरोना जांच करानी चाहिए. हमलोग अपना भी निरंतर जांच कराते रहते हैं. काम के दौरान लोगों के संपर्क में रहते हैं, इसलिए जांच भी कराते हैं. अधिक से अधिक टीकाकरण होने से लोग सुरक्षित रहेंगे.

Posted by Ashish Jha

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