कोरोना से लड़ विजेता बने इन योद्धाओं ने साझा किया अपना अनुभव, बताया कैसे करे अपना बचाव

Coronavirus in Bihar राजधानी पटना में दिन पर दिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, पर हम इसके प्रति सचेत नहीं हो रहे हैं. कोरोना से ठीक हो चुके इन बहादूरों का मानना है कि आपकी एक छोटी सी गलती आपको कोरोना का शिकार बना सकती हैं. इनके अनुभवों से आइए जानते हैं हम सभी कोरोना से अपना बचाव कैसे कर सकते हैं.

By Prabhat Khabar | July 16, 2020 11:43 AM

पटना. राजधानी पटना में दिन पर दिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, पर हम इसके प्रति सचेत नहीं हो रहे हैं. लापरवाही अपने चरम पर है. समाज का हर वर्ग इससे काफी प्रभावित है. ऐसे में हमने कोरोना विजेताओं से बातचीत की और उनसे जानना चाहा कि वह इसे लेकर क्या सोचते हैं. कोरोना से ठीक हो चुके इन बहादूरों का मानना है कि आपकी एक छोटी सी गलती आपको कोरोना का शिकार बना सकती हैं. उनका कहना है कि यदि हम सभी को कोरोना से जंग जीतना हो तो हमें स्वच्छता को अपना हथियार बनाना होगा. इनके अनुभवों से आइए जानते हैं हम सभी कोरोना से अपना बचाव कैसे कर सकते हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाएं

कोरोना वायरस के संक्रमण होने के बाद स्वस्थ हुए मुंगेर के जमालपुर निवासी व आलू-प्याज के थोक व्यवसायी जुम्मन ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए सावधानी रखने की आवश्यकता है़ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन से कोरोना संक्रमण की आशंका कम हो जायेगी़ मेरा जब रिपोर्ट पॉजिटिव आया था तब तीन दिनों तक मेरा जमालपुर में रेलवे अस्पताल में इलाज हुआ. फिर एनएमसीएच में भर्ती हुआ. इस दौरान मुझे दवाओं के रूप में केवल विटामिन डी व सी की गोलियां मिलती थी और इसी से वे पांच दिनों बाद ठीक हो गये़ इस बीमारी की अभी मुख्य दवा सावधानी, धैर्य और बेहतर इम्यूनिटी पावर ही है.

घबराएं नहीं, धैर्य रखें

राजेंद्र नगर टर्मिनल के डिप्टी सीआइटी देवाशीष सिंह का काहना है कि मेरे एक सहकर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले, तो मुझें भी संदेह होने लगा. वरीय अधिकरियों से जांच कराने का आग्रह किया और जांच होने पर मैं भी कोरोना से संक्रमित हो गया. जबकि, कोरोना का कोई लक्षण नहीं था. हॉस्पिटल में भर्ती हुये और सात दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रहने के बाद मैं घर लौटा. मैं यही कहना चाहूंगा कि कोरोना से लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. खांसी व बुखार होने के बाद भी ज्यादा घबराना नहीं है. धैर्य रखना है. हल्दी-दूध, विटामिन-सी व जिंक टेबलेट का सेवन करें.

बेवजह घर से बाहर न निकलें

कोरोना से जंग जीत कर घर वापस आये वार्ड संख्या 67 के पार्षद मुन्ना जायसवाल ने बताया की रिपोर्ट आने के बाद बीमारी से कम तनाव से अधिक परेशान रहे. इलाज के लिए होटल पाटलिपुत्र अशोक आइसोलेशन सेंटर में 10 दिनों तक रहे. वहां बुखार, सर्दी, खांसी किसी तरह का कोई लक्षण नहीं दिखा. फिर भी अलग रूम में रहने से तनाव अधिक था. 10 दिनों के बाद वापस घर आने पर अच्छा महसूस हुआ. इलाज के दौरान मानसिक परेशानी अधिक रही. अब बचाव के लिए खानपान में बदलाव के साथ दिये गये गाइडलाइन के अनुसार उसका पालन कर रहे हैं. इससे बचने के लिए गाइडलाइन का पालन करें . घरों से बेवजह नहीं निकलें.

लाइफस्टाइल में करें बदलाव

रोजाना गर्म पानी का करें सेवन

हर दिन दो से तीन बार पीए काढ़ा

सोते समय गुनगुने पानी से गरारा करें.

योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.

पर्याप्त नींद जरूर लें.

वजन को नियंत्रित रखें.

स्मोकिंग करने से बचें.

Next Article

Exit mobile version