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बिहार में वाणिज्यकर विभाग लक्ष्य से ज्यादा वसूला राजस्व, दूसरे विभाग टैक्स संग्रह में रहे पीछे

पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में वाणिज्य कर विभाग को छोड़ दिया जाये तो तकरीबन सभी विभाग कर उगाही में पीेछे रह गये. कोरोना काल के बावजूद वाणिज्य कर विभाग ने 2020-21 में करीब 32 हजार करोड़ टैक्स संग्रह किया है.

पटना. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में वाणिज्य कर विभाग को छोड़ दिया जाये तो तकरीबन सभी विभाग कर उगाही में पीेछे रह गये. कोरोना काल के बावजूद वाणिज्य कर विभाग ने 2020-21 में करीब 32 हजार करोड़ टैक्स संग्रह किया है. जबकि, उसका लक्ष्य साढ़े 27 हजार करोड़ रुपये के आसपास ही टैक्स संग्रह करने का था.

निर्धारित लक्ष्य से साढ़े चार हजार करोड़ अधिक टैक्स संग्रह होने के पीछे प्रमुख कारणों में केंद्र से जीएसटी मद में क्षतिपूर्ति अनुदान आठ हजार करोड़ रुपये अधिक प्राप्त होना भी है. इसके अलावा टैक्स संग्रह करने वाले अन्य किसी विभाग ने लक्ष्य के अनुरूप टैक्स संग्रह नहीं किया है. निबंधन विभाग ने निर्धारित लक्ष्य पांच हजार करोड़ में चार हजार 257 करोड़ ही जमा कर पाया है.

परिवहन विभाग ने भी निर्धारित लक्ष्य ढाई हजार करोड़ को प्राप्त नहीं कर पाया है. हालांकि खनन विभाग ने निर्धारित लक्ष्य दो हजार 450 करोड़ के लक्ष्य को लगभग प्राप्त किया है, जो गैर-टैक्स राजस्व मद में आता है. हालांकि राज्य में टैक्स और गैर-टैक्स मद में करीब 40 हजार करोड़ रुपये संग्रह का जो लक्ष्य रखा गया था, वह तकरीबन पा लिया गया है.

राज्य में बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में दो लाख 11 हजार करोड़ का बजट था, जिसमें टैक्स संग्रह की स्थिति के अलावा केंद्रीय पुल से प्राप्त स्टेट टैक्स शेयर और केंद्रीय योजनाओं में अनुदान की राशि में कटौती होने के कारण एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये हैं. इसे कोरोना काल के प्रभाव में भी काफी बेहतर माना जा रहा है.

राज्य को जितने रुपये प्राप्त हुए उतना खर्च हो पाया है. ऐसे में इस बार अतिरिक्त रुपये नहीं बचे थे. केंद्रीय टैक्स पुल से वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान बिहार को 91 हजार करोड़ रुपये मिलने का प्रावधान था, जिसे बाद में केंद्र ने संशोधित करके 78 हजार 896 करोड़ कर दिया. चालू वित्तीय वर्ष में फिर से 91 हजार 180 करोड़ का प्रावधान इस मद में रखा गया है.

Posted by Ashish Jha

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