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टीचर्स नहीं हो सकते किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य, पहली बार शिक्षकों के लिए बनी आचार संहिता

पटना : शिक्षा विभाग ने राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्त की प्रक्रिया एवं सेवा शर्त आदि नियमावली तय कर दी है. नयी नियमावली में कुछ नयी बातें जोड़ी गयी हैं. सबसे अव्वल, शिक्षकों के लिए भी प्रदेश में पहली बार आचरण संहिता बनायी गयी है. इसमें साफ किया गया है कि शिक्षक किसी भी रूप में किसी भी दल के सदस्य या संगठन से संबंधित भी नहीं हो सकते हैं.

पटना : शिक्षा विभाग ने राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्त की प्रक्रिया एवं सेवा शर्त आदि नियमावली तय कर दी है. नयी नियमावली में कुछ नयी बातें जोड़ी गयी हैं. सबसे अव्वल, शिक्षकों के लिए भी प्रदेश में पहली बार आचरण संहिता बनायी गयी है. इसमें साफ किया गया है कि शिक्षक किसी भी रूप में किसी भी दल के सदस्य या संगठन से संबंधित भी नहीं हो सकते हैं.

साथ ही नियमावली में सबसे अहम खुशखबरी खिलाड़ियों के लिए है, उन्हें शारीरिक शिक्षक नियुक्ति में वेटेज मिलेगा. इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति के वर्तमान नियमावली में कुछ शिथिलता दिये जाने के संकेत भी नियमावली में दिये गये हैं. प्रशासी विभाग को यह तय करने की जिम्मेदारी दी गयी है.अब नियोजित शिक्षक प्रधान अध्यापक भी बनाये जा सकेंगे. इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. उल्लेखनीय है कि प्राथमिक और मध्य स्कूलों के लिए नियमावली शुक्रवार को जारी हो सकती है.

शिक्षकों के लिए आचरण संहिता

  • बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित न करना.

  • परीक्षा संचालन के लिए बिहार परीक्षा समिति के आदेशों का पालन करना

  • किसी भी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले संगठन का शिक्षक सदस्य नहीं हो सकता है.

प्रमोशन

  • पचास प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जायेंगे. शेष की नियुक्ति सीधी भर्ती से होगी.

  • प्रधानाध्यापक के सभी पद प्रमोशन से भरे जायेंगे.

  • प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक दस साल और छह साल की सेवा कर चुके प्रशिक्षित शिक्षक प्रधान अध्यापक बनाये जायेंगे.

  • पुस्तकालयाध्यक्ष के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे.

  • शिक्षकों के सभी पद सीधी भर्ती से भरे जायेंगे.

कुछ अहम राहतें

  • कृषि विषय के शिक्षक : राज्य के 5 उच्च माध्यमिक स्कूलों में इनके लिए पद सृजित हैं, इस पद पर नियुक्ति के लिए बीएड, बीएएड और बीएससीएड डिग्री की अनिवार्यता नहीं होगी.

  • इसी तरह कंप्यूटर और संगीत विषय के शिक्षकों के लिए उक्त डिग्रियों की जरूरत नहीं होगी.

विशेष तथ्य

  • अध्ययन अवकाश पहले सात साल बाद दिया जाता था, इसमें यह अवधि तीन साल की कर दी गयी है.

  • यह अवकाश सवैतनिक होगा

  • बीएड के प्रशिक्षण के लिए सवैतनिक अवकाश

  • इस अवकाश को सेवा अवधि में टूट नहीं माना जायेगा.

शर्तों के साथ अंतर जिला स्थानांतरण

  • नियोजित शिक्षकों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण के रास्ते खोले गये हैं. दिव्यांग और महिला शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष के तबादले अंतर जिला स्तर पर हो सकेंगे.

  • वित्तीय अनियमितता और गंभीर आरोपों के मद्देनजर भी तबादला किया जा सकेगा.

  • विषय विसंगति और शिक्षक अनुपात संतुलित करने के लिए भी शिक्षकों का तबादला किया जा सकेगा.

  • प्रधानाध्यापक और पुस्तकालयाध्यक्ष सेवा के तीन सालों के बाद एच्छिक तबादला ले सकेंगे.

अनुकंपा नियुक्ति के नियमों शथिलता की संभावना जगी

अनुकंपा मामले में पहले की नियमावली ही मान्य की गयी है. हालांकि इसमें प्रशासी विभाग संकल्प के जरिये अनुकंपा नियुक्त कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक विभाग जल्दी ही इसका संकल्प जारी करेगा.

प्रोन्नति : नगर उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं प्रधान शिक्षक के पद पर प्रोन्नति के लिए पैनल बनाया जायेगा.

इपीएफ : शिक्षकों को पंद्रह हजार रुपये प्रति माह के वेतन की राशि पर अंशदान के लिए राज्य सरकार अनुदान राशि देगी.

नियुक्ति : पुस्तकालयाध्यक्ष एवं शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पैनल गठित किया जायेगा. इसके लिए व्यापक प्रक्रिया तय की गयी है.

विशेष अधिभार या वेटेज

  • भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को दस अंकों का अतिरिक्त वेटेज दिया जायेगा.

  • अतिथि शिक्षकों के रूप में एक साल की नौकरी करने वाले अभ्यर्थी को पांच अंक का अतिरिक्त वेटेज दिया जायेगा.

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