Chhath Puja 2020 : सिर्फ तालाबों में मनाया जायेगा छठ, मेला पर रोक, जानें क्या है राज्य सरकार का गाइडलाइन

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद किसी भी तालाब में छठ पर्व का आयोजन पहले की तरह ही हो सकेगा, लेकिन इस दौरान कोविड-19 से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों का पूरी सख्ती से पालन कराया जायेगा.

By Prabhat Khabar | November 16, 2020 7:17 AM

पटना : इस बार राज्य में छठ महापर्व की तैयारी पर भी कोरोना महामारी का असर दिखेगा. इसको लेकर राज्य सरकार ने कई अहम दिशा-निर्देश जारी किये हैं. इस बार राज्य की गंगा समेत तमाम बड़ी नदियों के किसी घाट पर छठ पर्व का आयोजन नहीं होगा. यानी किसी नदी घाट पर अर्ध्य की व्यवस्था नहीं होगी. वहीं, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद किसी भी तालाब में छठ पर्व का आयोजन पहले की तरह ही हो सकेगा, लेकिन इस दौरान कोविड-19 से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों का पूरी सख्ती से पालन कराया जायेगा.

साथ ही किसी तरह के मेला, जागरण या किसी तरह के सांस्कृतिक आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा. पूजा के दौरान घाट पर 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुखार समेत अन्य किसी रोग से पीड़ित व्यक्ति को घाट पर नहीं आने की सलाह दी गयी है. वाहनों के प्रयोग पर नियंत्रण रहेगा. इन तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की जायेगी.

गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश का पालन सख्ती से सभी जिलों को कराने के लिए कहा है. इसका पालन नहीं करने वालों पर सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी. इस आदेश के अनुसार, जिन तालाबों में छठ पर्व का आयोजन होगा, वहां अर्ध्य से पहले और बाद में पूरे तालाब क्षेत्र को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था की जायेगी.

यह काम नगर निकाय और ग्राम पंचायत के स्तर से कराया जायेगा. इन घाटों के आसपास किसी तरह के खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाये जायेंगे. घाट पर किसी तरह का भोज या प्रसाद का वितरण नहीं किया जायेगा. जिन तालाबों में अर्ध्य होना है, वहां कोविड-19 से संबंधित जागरूकता अभियान व्यापक रूप से चलाया जायेगा. तालाबों पर छठ पूजा के दौरान मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन कराना अनिवार्य होगा. तालाब में डुबकी लगाने की मनाही होगी. सिर्फ पानी में खड़े होकर अर्ध्य दे सकते हैं.

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इस आदेश में यह कहा गया है कि गंगा समेत अन्य सभी बड़ी नदियों के घाटों पर छठ के दौरान काफी भीड़ हो जाती है. ऐसे में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराना संभव नहीं होगा. इस वजह से स्थानीय प्रशासन लोगों को अधिक-से-अधिक अपने-अपने घरों पर ही रहकर पूजा करने के लिए प्रेरित किया जाये. हालांकि, इसमें सभी प्रमुख नदियों से जल भरने की अनुमति दी गयी है.

जल भरने के दौरान मास्क का उपयोग करना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी अनिवार्य रूप से करना होगा. गृह विभाग ने इस बार के छठ पर्व के आयोजन में हुए बदलाव और तमाम नियमों का पालन करने को लेकर सभी जिलों से कहा है कि वे सभी छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाइयों, वार्ड पार्षद समेत तमाम स्थानीय लोगों और जन प्रतिनिधियों के साथ बैठ करें. इस दौरान कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य की तरफ से जारी सभी अहम निर्देशों की जानकारी दें और इनके व्यापक प्रचार-प्रसार की भी व्यवस्था करें.

Posted by Ashish Jha

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