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Budget 2022: भाजपा ने बताया ऐतिहासिक, जदयू-राजद को नहीं मिला बिहार के लिए कुछ खास

Budget 2022: केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष दर्जे की मांग एक बार फिर खारिज कर दी है. यही कारण रहा कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बजट के बाद पहली प्रतिक्रिया जारी की.

पटना. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्माला सीतारमण ने वित्तवर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया. आम बजट को लेकर बिहार से अलग-अलग प्रतिक्रिया आई है. सत्ता पक्ष के लोगों ने जहां इस बजट को सकारा है वहीं विपक्ष ने इस बजट पर निशाना साधा है. केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष दर्जे की मांग एक बार फिर खारिज कर दी है. यही कारण रहा कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बजट के बाद पहली प्रतिक्रिया जारी की.

बिहार को किया गया अनसुना

उन्होंने कहा है कि बिहार के लिए यह बजट निराशाजनक है. बिहार वासियों को उम्मीद थी कि विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पूरी की जाएगी, लेकिन निर्मला सीतारमण ने बिहार की इस मांग को अनसुना कर दिया इससे निराशा हुई है. उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय बजट को विकसित राज्यों के लिए ऐतिहासिक बताया है, लेकिन उन्होंने कहा है कि बिहार जैसे राज्य को अभी और अवसर चाहिए.

उपेंद्र पर जायसवाल का पलटवार

उपेन्द्र कुशवाहा पर निशाना साधते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि कुशवाहा ने बजट को बिहार के लिए ठीक नहीं बताया है लेकिन इतना ज़रूर कहा कि बजट विकसित राज्यों के लिए बेहतर है. उन्हें खुद शिक्षित होने की जरूरत है.

गंगा किनारे खेती को बढ़ावा देना अच्छी बात

वैसे जदयू नेता और मंत्री संजय झा की राय उपेंद्र कुशवाहा से अलग है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बजट को स्वागत योग्य बताया है. उन्होंने कहा है कि इस बजट से गंगा किनारे खेती को बढ़ावा देना अच्छी बात है. बिहार में यह काम पहले से चल रहा है. नदियों को जोड़ने की योजना के बारे में हमने मांग की थी.

बिहार को विशेष सहायता की जरूरत

झा ने बिहार को विशेष दर्जे की मांग पर कहा कि डबल डिजिट ग्रोथ के बाद भी बिहार नीति आयोग के पैमाने पर पिछड़ा है. बिहार को विशेष राज्य या विशेष सहायता की जरूरत है. बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने आम बजट की सराहना की है, लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नही मिलने से काफ़ी निराशा व्यक्त की है.

बजट का लाभ बिहार को भी होगा

इधर, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस बजट को बेहतरीन बजट बताया है. नितिन नवीन का कहना है कि इस कोरोना काल के बीच जिस तरह से युवाओं किसानों समेत सभी वर्गों को ध्यान में रखकर सीतारमण ने बजट पेश किया है, यह सराहनीय है. केंद्र के इस बजट का लाभ बिहार को भी होगा एनएच पर होने वाले सड़क निर्माण से लेकर दूसरे कई क्षेत्रों में बिहार को इस बजट का लाभ आने वाले दिनों में मिलेगा.

अंतिम लोग से लेकर कॉरपोरेट तक के लिए जगह

वहीं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट का सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य को मिलेगा. साथ ही यह बजट रोजगार सृजन करने वाला बजट है. भाजपा नेता व मंत्री जीवेश मिश्रा ने भी जानदार और शानदार बताया है. मंत्री ने कहा कि इस बजट के अंदर समाज के अंतिम लोग से लेकर कॉरपोरेट के लिए जगह दी गयी है. सोलर एनर्जी पर विशेष रूप से फोकस किया गया है जो आगे की सोच है. कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी बजट को कृषि और किसानों के लिए उत्साह बढ़ाने वाला बताया है.

राजद ने बताया निराशाजनक

दूसरी ओर, केंद्रीय बजट को राजद ने निराशाजनक बताया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि यह बजट पूरी तरह निराशाजनक है और सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाया गया है. रोजगार की सिर्फ घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन आजतक रोजगार मिलता किसी को नहीं है. रेलवे को पीपीपी मोड में विकसित करने की बात पर जगदानांद सिंह ने कहा कि कोई भी मॉडल हो पर विकास होना चाहिये.

हम ने बताया निराशाजनक

उपेंद्र कुशवाहा के बजट को निराशाजनक बताने पर जगदानंद ने कहा कि विशेष राज्य की दर्जा उससे मांग रहे जो साथ सरकार में है अगर ठीक नहीं है तो सरकार में क्यों बने हुए है. जीतन राम मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने केंद्रीय बजट को बिहार के संदर्भ में निराशाजक बताया.

बजट में बिहार नजरअंदाज

उन्होंने कहा कि बजट में बिहार को कुछ भी नहीं मिला. डबल इंजन की सरकार के नाम पर मजाक उड़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिना स्पेशल स्टेटस के बिहार का विकास नहीं हो सकता है. केंद्रीय बजट पर बिहार कांग्रेस विधायक दल नेता अजीत शर्मा ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा की मांग लगातार हो रही है, लेकिन बजट में नजरअंदाज किया गया है.

कांग्रेस ने बताया झूठ का पुलिंदा 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि नौकरियों से लेकर ट्रेनों और कृषि पर लंबे झूठ का पुलिंदा रहा ये आम बजट जो आम लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज करने वाला साबित हुआ. उन्होंने कहा कि पहले से सरकार के मुखिया द्वारा घोषित किये गए नौकरियों को ही देने का काम न करने वाली सरकार आगामी राज्यों के चुनाव के कारण युवाओं को ठगने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

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