पटना. देश के मौसमी इतिहास में वर्ष 2020 सर्वकालीन आठवां वह साल रहा, जब सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी.
गर्मी झेलने के साथ-साथ बिहार और यूपी ऐसे राज्य रहे, जिन्हें यह मौसमी बदलाव भारी पड़ा. बिहार में केवल मौसमी आफत मसलन बाढ़, शीतलहर, आंधी-तूफान और वज्रपात से 399 लोगों की मौत हुई.
यह जानकारी आइएमडी की आधिकारिक रिपोर्ट से सामने आयी है. यह रिपोर्ट सोमवार को औपचारिक तौर पर जारी हुई. आइएमडी ने अपनी रिपोर्ट में सभी प्रदेशों में मौसमी उठापटक के प्रभाव को शामिल किया है.

विशेषकर थंडर स्टोर्म और वज्रपात से सर्वाधिक 280 मौतें बिहार में हुई हैं. 2020 के जनवरी में चली शीतलहर से पूरे देश में 150 लोग मरे थे, जिनमें बिहार में 45 लोग थे.
हालांकि, पड़ौसी राज्य यूपी में 88 और झारखंड में 16 लोगों की मौत शीतलहर से हुई थी. देश के पूर्व में स्थित बिहार में थंडर स्टोर्म की संख्या सर्वाधिक बतायी गयी है. आइएमडी ने इसे थंडर स्टोर्म और लाइटनिंग (वज्रपात) जोन के रूप में पहचाना है.
आयी मौसमी आफत, भारी बारिश और बाढ़
बिहार में पिछले वर्ष 20 जुलाई, एक से 20 अगस्त तक भारी बारिश और बाढ़ से 54 लोगों की मौत हुई.
आंधी-तूफान और ठनका
आंधी-तूफान और ठनका जैसी आफत बिहार में 25 फरवरी, 13 और 14 मार्च, 26 अप्रैल ,पांच मई, तीन जुलाई और 15 सितंबर को आयी. इस दौरान पूरे प्रदेश में 280 लोग मारे गये.
शीतलहर
एक जनवरी, 2020 को शीतलहर चलने से प्रदेश में 45 लोगों की मौत हुई
Posted by Ashish Jha