Bihar politics: बिहार में अमित शाह लालू को छोड़ नीतीश पर क्यों कर रहे प्रहार ?…

महागठबंधन में शामिल होने के बाद जिस प्रकार नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं. इससे साफ है कि इसका महागठबंधन को लाभ और बीजेपी को नुकसान होगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 27, 2023 7:30 AM

राजेश कुमार ओझा

बिहार में जारी सियासी हलचलों के बीच शनिवार को पश्चिम चंपारण के लौरिया में अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार और लालू राज पर जमकर प्रहार किया. इस रैली में वे पूरी तरह से लोकसभा के चुनावी मोड में दिखाई दिए. बिहार के लोगों को लालू राज की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में अभी वह समय समाप्त नहीं हुआ है. प्रदेश में जंगलराज की दहशत बरकरार है. अंतर बस इतना है कि इस जंगलराज को अब नीतीश कुमार का भी साथ मिल गया है.

नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए अमित शाह ने कहा कि आप जिस जंगलराज को समाप्त करने के मुद्दे पर भाजपा के साथ आए थे, आज आप उसी की गोद में बैठ गए हैं. राज्य के 40 लोकसभा सीट पर जीत का समीकरण तय कर उन्होंने बिहार चुनाव का शंखनाद भी किया. पश्चिम चंपारण के लौरिया में अमित शाह के निशाने पर लालू से ज्यादा नीतीश कुमार रहे.

राजनीतिक पंडितों की मानें, तो नीतीश कुमार जिस प्रकार से पूरे देश में विपक्ष को एकसूत्र में बांधने में लगे हैं, बीजेपी को यह रास नहीं आ रहा है. शायद यही वजह है कि बीजेपी नीतीश के इस अभियान को शुरू करने से पहले ही उसकी हवा निकाल देना चाहती है.


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नीतीश कुमार ढोंगी

इस रैली में अमित शाह नीतीश कुमार पर हमलावर दिखे. नीतीश कुमार को केंद्रित कर उन्होंने लगातार उनपर हमला किया. विकास के मुद्दे पर उन्होंने नीतीश कुमार को ढोंगी करार दिया. वे यहीं नहीं रुके, बल्कि आगे कहा कि नीतीश कुमार हर तीन साल में पीएम का सपना देखते हैं. आगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी साफ कर दिया कि अब किसी भी परिस्थिति में बीजेपी जेडीयू के साथ गठबंधन नहीं करने वाली है. शाह ने कहा कि नीतीश बाबू आपने बहुत साल तक ‘आया राम, गया राम’ कर लिया. लेकिन, अब आपके लिए बीजेपी का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो गया है. नीतीश कुमार अब कितनी भी कोशिश कर लें, बीजेपी का दरवाजा उनके लिए खुलने वाला नहीं है.

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शाह के निशाने पर नीतीश क्यों?

लालू प्रसाद से ज्यादा नीतीश कुमार पर अमित शाह क्यों हमलावर थे. इस सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने जिस प्रकार बीजेपी को छोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाया है, बीजेपी इससे नाराज है. महागठबंधन में शामिल होने के बाद जिस प्रकार से नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं. इससे साफ है कि ऐसा हुआ, तो इसका महागठबंधन को लाभ मिलेगा और बीजेपी को नुकसान होगा. यही कारण है कि अमित शाह ने बेतिया में लालू प्रसाद से ज्यादा नीतीश कुमार पर हमला किया. प्रवीण बागी कहते हैं कि अमित शाह बिहार में 40 सीट पर अपनी जीत का प्लान बना रहे हैं. महागठबंधन अगर सक्रिय हुआ तो बीजेपी के बिहार में विजयी रथ पर ब्रेक लग सकता है.

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