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बिहार पंचायत चुनाव: कल थम जायेगा पहले चरण का प्रचार, अपने संसाधनों से इस बार पंचायत चुनाव करायेगी राज्य पुलिस

बिहार के पंचायत चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार बुधवार को शाम पांच बजे समाप्त हो जायेगा. पहले चरण में 10 जिलों के 12 प्रखंडों में पंचायत चुनाव कराया जा रहा है. पहले चरण में 15328 प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था.

पटना. बिहार के पंचायत चुनाव के पहले चरण का चुनाव प्रचार बुधवार को शाम पांच बजे समाप्त हो जायेगा. पहले चरण में 10 जिलों के 12 प्रखंडों में पंचायत चुनाव कराया जा रहा है. पहले चरण में 15328 प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था. इनमें से 858 पदों पर प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है, जबकि 72 पदों पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है.

पहले चरण में ग्राम पंचायत सदस्य के 2233 पदों को लेकर 8611 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है, जबकि ग्राम कचहरी पंच के 2233 पदों को लेकर 3225 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. इसी प्रकार से मुखिया के 151 पदों को लेकर 1294 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है, जबकि सरपंच के 151 पदों को लेकर 772 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. पंचायत समिति सदस्य के लिए 195 पदों को लेकर 1205 प्रत्याशियों ने , जबकि जिला पर्षद के 22 पदों के लिए 221 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है.

इधर, राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर गृह विभाग और पुलिस महकमे ने सभी जिलों के साथ एक बेहद महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इस दौरान सभी जिलों को खासतौर से ऐतिहात बरतने के निर्देश दिये गये. सभी जिलों को शराब की तस्करी, सभी तरह के वैद्य-अवैध हथियार और दबंगों पर खासतौर से नजर रखने के लिए कहा गया है. जो भी सीमावर्ती जिले हैं, उन्हें शराब तस्करी पर खासतौर से चौकसी बरतने के लिए कहा गया है.

सभी जिलों को अपने-अपने यहां के सभी दबंगों या हिस्ट्री शिटर क्रिमिनलों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है. ऐसे अपराधियों पर सीसीए लगाने, तड़ीपार करने या रोजाना थाना पैरेड कराने जैसी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. सभी डीएम और एसपी को चुनाव को लेकर समुचित मॉनीटरिंग करने के लिए कहा गया है. मुख्यालय के आला अधिकारियों ने सभी जिलों से उनकी समस्या और चुनौतियां पूछीं.

गृह व पुलिस विभाग ने सभी जिलों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

इस दौरान यह स्पष्ट किया गया कि इस बार राज्य पुलिस अपने संसाधनों से चुनाव करायेगी. अब तक की स्थिति के अनुसार, बाहर या दूसरे राज्यों से कोई फोर्स नहीं आयेगी. राज्य पुलिस की सभी इकाइयों के अलावा होमगार्ड को भी बड़ी संख्या में लगाया जायेगा. सभी जिलों के डीएम-एसपी को खासतौर से निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने यहां पंचायत चुनाव से संबंधित प्लान तैयार कर लें और इस प्लान को डीआइजी या आइजी चेक करेंगे.

इसके आधार पर यह तय होगा कि शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने की क्या रणनीति होगी. सभी संवेदनशील क्षेत्रों में खासतौर से चौकसी बरतने के लिए कहा गया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में हुई इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सचिव जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डीजीपी एसके सिंघल आदि मौजूद थे.

सुगम एप से वाहनों का रखा जायेगा लेखा-जोखा

राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में अधिग्रहित गाड़ियों का लेखा -जोखा, रिकॉर्ड व मुआवजा भुगतान आदि के लिए सुगम एप का उपयोग होगा.राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी डीएम सह निर्वाचन पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. आयोग ने सभी डीएम को चुनाव के दौरान उपयोग में लाये जाने वाले वाहनों से जुड़ा हर अपडेट सुगम एप पर अपडेट करने का निर्देश दिया है.

किसी भी वाहन से जुड़ी जानकारी के लिए बस वाहन संख्या डालकर सच करने पर सारी सूचना उपलब्ध हो जायेगी. सुगम एप को जिला व प्रखंड स्तर पर पदाधिकारी लॉग इन कर सकेंगे. परिवहन विभाग के द्वारा उपलब्ध कराएं गये वाहनों की पूरी सूची इसमें दिखेगी. इसके अलावा नये वाहनों की जानकारी भी जिला स्तर पर की जा सकेगी.

15 हजार बायोमीटरिक मशीनें लगायी जायेंगी

राज्य में पंचायती राज आम चुनाव के लिए 15 हजार बायोमीटरिक मशीन का उपयोग किया जायेगा. बोगस वोटिंग की रोकथाम के लिए पहली बार इस मशीन का उपयोग मतदाताओं की पहचान के लिए की जा रही है. मतदान के लिए आनेवाले हर मतदाता के आधार नंबर से पहचान के बाद ही मतदाता वोटिंग कर सकेंगे.

बायोमीटरिक मशीन के उपयोग को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) को गाइडलाइन जारी कर दिया है. जिलों को भेजे गये दिशा निर्देश में कहा गया है कि हर बूथ पर बायोमीटरिक सत्यापन की व्यवस्था की गयी है ,जिससे कि एक मतदाता अपने मूल बूथ के अलावा किसी भी अन्य मतदान केंद्र से दोबारा वोटिंग नहीं कर सके.

पीठासीन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कागजात और प्रमाणपत्रों के आधार पर किसी भी मतदाता की पहचान की जायेगी. इसके लिए हर मतदाता के बायोमीटरिक सत्यापन के लिए एक तकनीकी कर्मी बायोमीटरिक उपकरण एवं टैबलेट के साथ प्रतिनियुक्त किया जायेगा.वह हर वोटर के अंगूठे का निशान, उनका फोटो, इपिक और मतदाता पर्ची का फोटो लेकर उसे बायोमीटरिक प्रणाली के डेटाबेस में सुरक्षित करेंगे.

यदि कोई मतदाता किसी भी बूथ पर दोबारा मत डालने आता है, तो सिस्टम उस व्यक्ति की तुरंत पहचान कर लेगा और उसे बोगस मतदाता के रूप में चिह्नित कर उसके द्वारा पूर्व में किये गये मतदान के विवरण के साथ एलर्ट करेगा.

Posted by Ashish Jha

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