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Cyber Crime: बिहार के DG को साइबर अपराधियों ने बनाया निशाना, फर्जी ID बनाकर दोस्त से मांग रहे हैं रुपए, जानें पूरा मामला…

Bihar News: बिहार में साइबर अपराधियों का आतंक चरम पर है. साइबर अपराधियों ने अब बड़े-बड़े अफरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. बिहार पुलिस के आला अधिकारी डीजी ट्रेनिंग आलोक राज का फेक फेसबुक अकाउंट बना कर पैसे मांगने का मामला सामने आया है. डीजी ने इसकी शिकायत साइबर सेल में दर्ज करायी है.

पटना: बिहार में साइबर अपराधियों का आतंक चरम पर है. साइबर अपराधियों ने अब बड़े-बड़े अफरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. बिहार पुलिस के आला अधिकारी डीजी ट्रेनिंग आलोक राज का फेक फेसबुक अकाउंट बना कर पैसे मांगने का मामला सामने आया है. डीजी ने इसकी शिकायत साइबर सेल में दर्ज करायी है.

पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई का साइबर सेल इसकी जांच में जुट गया. डीजी ने बताया कि किसी ने मेरे फेसबुक एकाउंट की तरह एक फेक एकाउंट बना लिया था. उन्होंने बताया मंगलवार को मुझे इसकी सूचना मिली कि फेक एकाउंट वाला मैसेंजर में पेटीएम का नंबर देकर पैसे मांग रहा है.

हमने इसको लेकर आर्थिक अपराध इकाई के डीआइजी से बात भी की है. साइबर सेल इसकी जांच कर रहा है. जल्द साइबर अपराधी पकड़े जायेंगे. एक मित्र ने दी जानकारी, तब जाकर मामला आया सामने आलोक राज ने बताया कि सुबह एक दोस्त ने उनको फोन किया और बताया कि मेरे फेसबुक एकाउंट से पैसे की मांग की जा रही है. इसके बाद उन्होंने उस फर्जी एकाउंट को चेक किया, तो पता चला कि फर्जी अकाउंट के प्रोफाइल में उनकी फोटो लगायी गयी है.

दोस्त ने बताया कि उस एकाउंट से उनके जानने वाले लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जा रहा है. जब अनुरोध स्वीकार हो जाता है, तो फिर उनसे जरूरी काम बता कर पैसे की मांग होती है. इसके बाद उन्होंने कॉल कर आलोक राज को इसकी जानकारी दी. फिर डीजी ने सोशल मीडिया के अपने असली अकाउंट से एक पोस्ट कर खुद से जुड़े लोगों को अलर्ट किया. साइबर अपराध के झांसे में नहीं आने की अपील की. गौरतलब है कि उनके साथ एक बार पहले भी इस तरह की घटना घटी थी. तब उन्होंने कंकड़बाग में मामला दर्ज कराया था.

DG के दोस्त को हुआ शक तो दी जानकारी

सोशल मीडिया पर बिहार के DG के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर अब उनके दोस्तों से पैसे मांग रहे हैं. इसकी जानकारी उनके एक दोस्त ने दी. फर्जी अकाउंट के प्रोफाइल में सीनियर IPS अधिकारी की फोटो भी लगाई गई है. इसके बाद उन्होंने आलोक राज के दोस्तों और जानने वाले लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर दिया. जब रिक्वेस्ट एक्सेप्ट हो गया तो फिर उनसे जरूरी काम बताकर रुपयों की डिमांड करने लगे.

इस तरह से पैसे मांगे जाने पर उनके एक दोस्त को शक हो गया. इसके बाद कॉल कर आलोक राज को इसकी जानकारी दी. उससे संबंधित कुछ प्रूफ भी भेजे. तब जाकर सीनियर अधिकारी सबसे पहले खुद अलर्ट हुए. सोशल मीडिया के अपने असली अकाउंट से एक पोस्ट कर खुद से जुड़े लोगों को अलर्ट किया. साइबर अपराध के झांसे में नहीं आने की अपील की.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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