लिंगानुपात में बिहार ने महाराष्ट्र को छोड़ा पीछे, बोले ललन सिंह- बेटियों की बढ़ती तादाद बदलाव का संकेत

लिंगानुपात में विकसित राज्यों को भी बिहार ने पीछे छोड़ा है. महाराष्ट्र में 966 महिलाएं एक हजार पुरुष पर है. बिहार में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 1090 हो गयी है. राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 28, 2021 5:39 PM

पटना. लिंगानुपात में विकसित राज्यों को भी बिहार ने पीछे छोड़ा है. महाराष्ट्र में 966 महिलाएं एक हजार पुरुष पर है. बिहार में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 1090 हो गयी है. राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है.

राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने खुशी जतायी है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं ने व्यापक प्रभाव डाला है शायद यह उसी का असर है.

उन्होंने कहा कि एक वो दौर था जब बेटी के जन्म को लोग अशुभ मानते थे और बेटों की आस में जनसंख्या वृद्धि होती रहती थी, लेकिन उस वक्त लड़कों की तुलना में लड़कियां कम थी. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल में स्थितियां काफी बदली है. राज्य सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं का ही असर है कि आज आज बिहार में बेटियों का औसत 1000 लड़कों पर 1090 हो गया है.

ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए यह लिखा है कि “उस दौर में बिटिया जन्म ले तो अशुभ माना जाता था, बेटों की आस में जनसंख्या वृद्धि होती रहती थी फिर भी लड़कों की तुलना में लड़कियां कम थी. आज नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल में स्थितियां बदली है. नीति आयोग को देखना चाहिए कि स्पीडी ट्रायल और अपराध नियंत्रण में भी रिकॉर्ड बने हैं.”

Posted by Ashish Jha

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