33.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Bihar Election News: खेल बिगाड़ने की भूमिका में ही रह गया तीसरा मोर्चा, जानें बिहार में क्यों नहीं हो पा रहा सफल

बिहार चुनाव 2020 के परिणाम घोषित हो गए हैं. बिहार विधानसभा परिणाम में जनादेश एनडीए के पक्ष में आया है. इस बार चुनाव में NDA ने जहां 125 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं महागठबंधन ने 110 सीटों पर कब्जा जमाया है. लेकिन बिहार में इस बार भी तिसरे मोर्चे के गठन को कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी. हालांकि कई सीटों पर उन्होंने दूसरों का खेल जरूर बिगाडा है.

बिहार चुनाव 2020 के परिणाम घोषित हो गए हैं. बिहार विधानसभा परिणाम में जनादेश एनडीए के पक्ष में आया है. इस बार चुनाव में NDA ने जहां 125 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं महागठबंधन ने 110 सीटों पर कब्जा जमाया है. लेकिन बिहार में इस बार भी तिसरे मोर्चे के गठन को कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी. हालांकि कई सीटों पर उन्होंने दूसरों का खेल जरूर बिगाडा है.

खेल बिगाड़ने की ही भूमिका में दिखा थर्ड फ्रंट

बिहार चुनाव में इस बार तीसरे मोर्चे ने चुनावी मैदान पर अपना भाग्य आजमाया. लेकिन फिर इस बार खेल दो ही मुख्य गठबंधन के बीच रहा. बिहार इलेक्शन रिजल्ट २०२० को देखें तो बिहार में थर्ड फ्रंट इस बार केवल खेल बिगाड़ने की ही भूमिका में दिखा.

ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट ने बनाया मोर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट (जीडीएसएफ) ने सात सीट जीतकर अपनी उपस्थित जरूर दर्ज करायी है़ हालांकि छह दल वाले इस फ्रंट के नेता और सीएम पद के चेहरा उपेंद्र कुशवाहा खुद कोई कमाल नहीं कर सके. उनकी पार्टी रालोसपा सभी सीट हार गयी है़.

Also Read: Bihar Election Result 2020:बिहार चुनाव में JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष को मिली जीत, जानें दिग्गज चेहरों के रिश्तेदारों का क्या रहा रिजल्ट
तीसरे मोर्चे को जनादेश कितना

रालोसपा पिछली बार एनडीए के साथ 23 सीटों लड़ी थी और दो सीटों पर जीत मिली थी़.रालोसपा ने 2015 के चुनाव में 2.56 फीसदी वोट हासिल किया था जबकि इस बार कुल 1.77 फीसदी ही वोट हासिल कर सकी. वहीं बसपा ने दो सीट और एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है.

NOTA के आस-पास ही जाकर रह गई रालोसपा

तीसरे फ्रंट के नेता और सीएम पद के चेहरा बने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा खुद इस चुनाव में बेहद पीछे रही. आंकड़ों की बात करें तो रालोसपा को इस बार 1.77 फीसदी ही वोट हासिल हुआ जबकि NOTA के पक्ष में भी लगभग इतने ही लोग थे. बिहार चुनाव 2020 में 1.68 फीसदी लोगों ने किसी भी उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने का फैसला कर नोटा का बटन दबाया. वहीं तीसरे मोर्चे में शामिल AIMIM ने 1.24% तो BSP ने कुल मतदाताओं में 1.49% का समर्थन हासिल किया है.

थर्ड फ्रंट का उद्देश्य भी बना मुद्दा

बिहार में थर्ड फ्रंट को जनता अभी सत्ता में विकल्प के रूप में नहीं देख रही. जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिन दलों ने एकजुट होकर मोर्चा बनाया उनका उद्देश्य राज्य में विकल्प देने से ज्यादा अपने दल को फायदे में रखना और अस्तित्व बचाना ही दिखता रहा. जीडीएसएफ के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस नए मोर्चे का गठन तब किया जब महागठबंधन और एनडीए दोनों जगहों से उन्हें गठबंधन में जगह नहीं मिली. इसलिए जनता ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया.

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें