25.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

जब केंद्र सरकार ने रघुवंश बाबू को मंत्री बनाने की ठानी थी जिद, राजद ने टाली बात तो तत्कालीन राष्ट्रपति ने कहा…

पटना: रघुवंश समर्थकों को यह सदा से मलाल रहा कि जिस मुकाम के वो हकदार थे, उन्हें नहीं मिला. रघुवंश प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत के दौरान लालू प्रसाद दूर दूर तक नहीं थे. 1977 में लालू सारण की सीट से सांसद निर्वाचित हुए, जबकि अपने दम पर रघुवंश प्रसाद सिंह सीतामढ़ी जिले के बेलसंड विधानसभा सीट से विधायक बने. जनता पार्टी के समय कर्पूरी ठाकुर की अगुवायी में बनी सरकार में वे मंत्री भी रहे. पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे श्री सिंह की गिनती बाद के दिनों में लालू के खास सिपहसालारों में हुआ करती थी. 2009 में यूपीए 2 की सरकार दिल्ली में जब बन रही थी, तो कांग्रेस ने राजद से जिस एक मंत्री को केंद्र की सरकार में शामिल करने के लिए नाम तय किया था, वो रघुवंश प्रसाद सिंह ही थे.

पटना: रघुवंश समर्थकों को यह सदा से मलाल रहा कि जिस मुकाम के वो हकदार थे, उन्हें नहीं मिला. रघुवंश प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत के दौरान लालू प्रसाद दूर दूर तक नहीं थे. 1977 में लालू सारण की सीट से सांसद निर्वाचित हुए, जबकि अपने दम पर रघुवंश प्रसाद सिंह सीतामढ़ी जिले के बेलसंड विधानसभा सीट से विधायक बने. जनता पार्टी के समय कर्पूरी ठाकुर की अगुवायी में बनी सरकार में वे मंत्री भी रहे. पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे श्री सिंह की गिनती बाद के दिनों में लालू के खास सिपहसालारों में हुआ करती थी. 2009 में यूपीए 2 की सरकार दिल्ली में जब बन रही थी, तो कांग्रेस ने राजद से जिस एक मंत्री को केंद्र की सरकार में शामिल करने के लिए नाम तय किया था, वो रघुवंश प्रसाद सिंह ही थे.

कांग्रेस ने राजद को संदेश भिजवाया, राजद ने बात टाली

2009 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटी थी और यूपीए की सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया था पर, बिहार में राजद कमजोर हो गया था. लोकसभा की चालीस सीटों में महज चार सीटें ही मिली थीं. जिन चार सांसद उसके जीत पाये थे, उनमें एक सारण से लालू प्रसाद और वैशाली से रघुवंश प्रसाद सिंह भी थे. कांग्रेस ने राजद को संदेश भिजवाया कि चार सांसदों के आधार पर एक कैबिनेट मंत्री उसके दल से बनाये जायेंगे. इसके लिए रघुवंश प्रसाद सिंह का नाम की वह अनुशंसा करें. कांग्रेस की ओर से कई बार संवाद भेजा गया, लेकिन राजद ने बात टाल दी.

तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील ने तब पूछ ही लिया…

जब मंत्री पद के शपथ लेने वाले नामों की सूची राष्ट्रपति भवन भेजी गयी तो तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील ने पूछ ही लिया, इस सूची में देश के ग्रामीण विकास मंत्री का नाम नहीं है. सरकार की ओर से बताया गया कि उनकी पार्टी ने मंत्री बनने के लिए श्री सिंह के नाम की सिफारिश नहीं की है. आखिरकार श्री सिंह केंद्र में दोबारा मंत्री नहीं बन पाये.

Also Read: जब लालू ने रोका रघुवंश प्रसाद के उपराष्ट्रपति बनने का रास्ता, बोले रघुवंश बाबू- हम अभी लड़ने भिड़ने वाले नेता…

नोट: कोरोना से इलाज के बाद अपने गांव में आराम कर रहे रघुवंश बाबू से बातचीत पर आधारित

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें