29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Bihar election 2020 : बिहार की इस सीट को लेकर भाजपा पसोपेश में, दावा करे या जदयू के लिए छोड़ दे

मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट विधानसभा सीट की राजनीति चुनाव के पहले ही दिलचस्प हो गयी है. यहां पिछले विधानसभा चुनाव में जीतने वाले और हारने वाले दोनों ने उस पार्टी को छोड़ दिया है, जिससे वे चुनाव लड़े थे. राजद के टिकट पर जीते महेश्वर प्रसाद यादव पाला बदल कर जदयू में शामिल हो चुके हैं, तो पराजित होने वाली भाजपा की उम्मीदवार वीणा देवी लोजपा की सांसद बन चुकी हैं.

प्रभात/अजीत, मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट विधानसभा सीट की राजनीति चुनाव के पहले ही दिलचस्प हो गयी है. यहां पिछले विधानसभा चुनाव में जीतने वाले और हारने वाले दोनों ने उस पार्टी को छोड़ दिया है, जिससे वे चुनाव लड़े थे. राजद के टिकट पर जीते महेश्वर प्रसाद यादव पाला बदल कर जदयू में शामिल हो चुके हैं, तो पराजित होने वाली भाजपा की उम्मीदवार वीणा देवी लोजपा की सांसद बन चुकी हैं. अब यहां राजद को अपना प्रत्याशी तय करना है. उधर, महेश्वर यादव के पाला बदलने के बाद भाजपा पसोपेश में है कि वह इस सीट पर दावा करे या सहयोगी दल जदयू के लिए छोड़ दे. जदयू के प्रत्याशी के तौर पर महेश्वर यादव का फिर से मैदान में उतरना तो तय ही है.

2015 के चुनाव में राजद ने भाजपा को हराया था

2015 के चुनाव में गायघाट विधानसभा क्षेत्र से महेश्वर यादव ने भाजपा की उम्मीदवार वीणा देवी को 3501 वोट से हराया था. वीणा देवी अभी वैशाली से लोजपा की सांसद हैं. महेश्वर यादव का एनडीए में शामिल होना उस दिन ही तय हो गया था, जब उनकी मां के श्राद्ध कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गायघाट पहुंचे थे. भाजपा इस सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं दिख रही है. लोजपा की नजर भी गायघाट की सीट पर बनी हुई है. गायघाट की राजनीति में दिनेश प्रसाद सिंह व वैशाली सांसद वीणा देवी की भी पुरजोर पकड़ है. अब उनकी पुत्री कोमल सिंह ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.लेकिन, वह किस दल से चुनाव लड़ेंगी, इस पर अभी असमंजस की स्थिति है.

राजपूत व यादव जातियों के बीच होता रहा है मुकाबला

उधर, जदयू के कार्यकर्ता किसी भी बाहरी दल से आये लोगों को टिकट दिये जाने के खिलाफ हैं. महेश्वर प्रसाद यादव के पाला बदलने से राजद खेमे में भी प्रत्याशियों की फौज खड़ी होगयी है. गायघाट के समीकरण के हिसाब से यहां राजपूत व यादव प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला होता आया है.

पांच टर्म विधायक रह चुके हैं महेश्वर

महेश्वर प्रसाद यादव को 1997 में भी राजद से निष्कासित किया गया था, जब उन्होंने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध किया था. उस वक्त वे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्होंने मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा, जिसमें उनकी हार हुई थी. वह गायघाट विधानसभा से पांच बार विधायक रह चुके हैं. 1985 में लोकदल के टिकट पर यहां से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, तब कांग्रेस के विरेन्द्र कुमार ने पटकनी दी थी. उसके बाद उन्होंने 1990 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जनता दल के विनोदानंद सिंह को पराजित किया.

आनंद मोहन को हराया था

1995 के चुनाव में उन्होंने जनता दल के टिकट पर बिहार पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष आनंद मोहन को भारी मतों से पराजित किया. 1997 में जनता दल विभाजन के बाद वे राजद में शामिल हुए, लेकिन उसी दौरान राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध कर दिया और पार्टी से निष्कासित किये गये. 2005 में फिर से राजद में शामिल होकर वे काफी अंतर से जदयू के अशोक कुमार सिंह को हराकर विधायक बने. लेकिन, 2010 के चुनाव में भाजपा की वीणा देवी से हार गये. 2015 में जदयू राजद गठबंधन से चुनाव लड़कर उन्होंने भाजपा नेत्री वीणा देवी को काफी संघर्षपूर्ण स्थिति में हराया.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें