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बिहार दिवस: रहने-खाने की सही व्यवस्था नहीं होने से बीमार हुए थे बच्चे, चार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

रिपोर्ट में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ही बच्चे बीमार पड़े थे. शिक्षा विभाग के निर्देश पर पटना जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था.

पटना. बिहार दिवस समारोह में शामिल होने पटना आये बच्चों के बीमार पड़ने के मामले में जांच रिपोर्ट आ गयी है. रिपोर्ट में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ही बच्चे बीमार पड़े थे. शिक्षा विभाग के निर्देश पर पटना जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने दो दिनों के अंदर जांच का काम पूरा कर लिया और जिलाधिकारी को ससमय रिपोर्ट सौंपा है.

न सोने के लिए था बिस्तर, न खाने के लिए था क्वालिटी खाना

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार के अलग-अलग जिलों से आये स्कूली बच्चों के लिए ना तो आवासन की सही व्यवस्था थी और ना ही खाने की समुचित और बेहतर प्रबंध किया गया था. बच्चे को सोने तक के लिए सही इंतजाम नहीं थे. बच्चे सही से आराम नहीं कर पाये, वहीं खाने में भी क्वालिटी और हाईजीन में लापरवाही बरती गयी. बच्चों के सोने के लिए जमीन पर व्यवस्था की गयी थी. वहां के पंखे भी खराब थे. बच्चों को सुबह तीन बजे ही जगा दिया गया था. सलाद खुले में गर्मी में रखने के कारण सड़ा जैसा लग रहा था.

शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की अनुशंसा की

रिपोर्ट मिलने के बाद पूरे मामले में कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी समेत चार अधिकारियों के खिलाफ डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है. माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग दोषी अधिकारियों के खिलाफ वेतन कटौती से लेकर निलंबन जैसी बड़ी कार्रवाई कर सकता है. इस मामले में नोडल अधिकारी शिक्षा विभाग के अधिकारी हैं, जिन्हें बच्चों के रहने से लेकर खाने तक का इंतजाम करने का जिम्मा दिया गया था.

दर्जनों बच्चे एक-एक कर हुए थे बीमार

बिहार दिवस में आए दर्जनों बच्चे एक-एक कर बीमार पड़ने लगे थे और अधिकारियों में हड़कम्प मच गया था. कुल 17 बच्चे जिन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद एम्बुलेंस से पीएमसीएच भेजा गया था जहां शिशु विभाग में दो दिनों तक बच्चों का इलाज चला जबकि 25 से ज्यादा बच्चे जिन्हें गांधी मैदान मेडिकल कैम्प में प्राथमिक उपचार किया गया था. यह मामला विधानसभा तक में उठा था जिसके बाद शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में डीएम पटना को जांच का आदेश दिया था और अब जांच के बाद लापरवाही सामने आया है.

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