बिहार में शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ खड़ी हुई कांग्रेस, सरकार से पूछा- बहाली के बदले लाठी क्यों?

बिहार में शिक्षकों के पौने तीन लाख पद खाली है. छात्र-शिक्षक अनुपात के हिसाब से बिहार में लगभग छह लाख शिक्षकों की जरूरत है. जिस राज्य में शिक्षकों के इतने पद खाली हैं उस राज्य में एसटेट सफल अभ्यर्थी पुलिस की लाठियां खा रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 6:57 PM

पटना. बिहार में शिक्षकों के स्वीकृत पदों के भी एसटेट सफल अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं होने पर काग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने कहा कि बिहार में पौने तीन लाख पद खाली है. छात्र-शिक्षक अनुपात के हिसाब से बिहार में लगभग छह लाख शिक्षकों की जरूरत है. तिवारी ने कहा कि हैरानी की बात है कि जिस राज्य में शिक्षकों के इतने पद खाली हैं उस राज्य में एसटेट सफल अभ्यर्थी पुलिस की लाठियां खा रहे हैं.

इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या होगी कि शिक्षक पद की योग्यता हासिल कर चुके लोगों के ऊपर सरकार की बर्बर लाठियां बरस रही हैं. पिछले 3 दिनों में राजधानी पटना के गर्दनीबाग और सचिवालय के सामने एसटेट अभ्यर्थियों को कई बार बुरी तरह से पीटा जा चुका है. हेलीकॉप्टर के जरिए शराब खोजने वाली सरकार मात्र 80 हजार एसटेट सफल अभ्यर्थियों के नियोजन का तरीका नहीं ढूंढ पा रही है.

मेरिट और नॉट इन मेरिट का जाल बुनकर सरकार इस नियोजन को इस कदर उलझा चुकी है उससे निकलने का रास्ता शिक्षा विभाग को समझ नहीं आ रहा है. विभागीय अधिकारी भी इस उलझन को सुलझा नहीं पा रहे हैं. खुद शिक्षा मंत्री के बयान इतने विरोधाभासी हैं कि अभ्यर्थियों में डर और चिंता व्याप्त है. तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्पष्ट मांग है कि टेट और एसटेट सफल सभी अभ्यर्थियों को नियोजित किया जाए और फिर बाकी बची सीटों के लिए तुरंत टेट और एसटेट परीक्षाएं आयोजित की जाएं.

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