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तीन साल में बिहार बनेगा खाद्य प्रसंस्करण का हब, सरकार ने इन उद्योगों के लिए किया बजट प्रावधान

2025 तक राज्य के अधिकतर जिलाें में खाद्य प्रसंस्करण की यूनिट स्थापित करा दी जायेगी़ इससे कृषि उत्पाद का कम- से- कम बर्बादी होगी.

पटना. बिहार सरकार ने मक्का, मखाना ,फल-सब्जी, शहद ,औषधीय पौधे, चाय और बीज जैसी फसलों से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देकर तीन साल में राज्य को खाद्य प्रसंस्करण का हब बनाने की कार्ययोजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है़ 2025 तक राज्य के अधिकतर जिलाें में खाद्य प्रसंस्करण की यूनिट स्थापित करा दी जायेगी़ इससे कृषि उत्पाद का कम- से- कम बर्बादी होगी तथा लोग अलग-अलग प्रकार के प्रसंस्कृत खाद्य का उपयोग कर सकेंगे़ इसके लिए 148 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है़

48 करोड़ 99 लाख बीस हजार रुपये बिहार सरकार खर्च करेगी

केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमइएमइ ) के लिए जारी 128 करोड़ दस लाख रुपये में 79 करोड़ दस लाख अस्सी हजार रुपये केंद्र और 48 करोड़ 99 लाख बीस हजार रुपये बिहार सरकार खर्च करेगी़ कृषि देश के विकसित होने के साथ-साथ लोगों के आहार में परिवर्तन हो रहा है़ तकनीकी उन्नयन का लाभ खाद्य उद्योग क्षेत्र में भी भरपूर देखा जा रहा है़

बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अपार संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अपार संभावना है़ बहुतायत मात्रा में छोटे-छोटे निवेशकों ने जीवकोपार्जन के लिए स्थानीय स्तर पर इस उद्योग को शुरू किया है, लेकिन पूंजी, कौशल, तकनीकी सुविधा एवं जागरूकता के अभाव में बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे है़ं इनकी आमदनी अत्यधिक सीमित है़

संपूर्ण मूल्य शृंखला के लिए सहायता

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना सूक्ष्म उद्यमों के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों का समाधान कर उद्यमों के उन्नयन तथा औपचारीकरण में सहायता देगी़ किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) एवं सहायता समूहों और उत्पादक सहकारिताओं को उनकी संपूर्ण मूल्य शृंखला के लिए सहायता प्रदान की जायेगी़ सामान्य प्रसंस्करण सुविधा प्रयोगशाला, भंडारण, पैकिंग, विपणन और इन्क्यूटेशन सेंटर तक उनकी पहुंच हो सकेगी़

दो लाख इकाइयों को सीधे सहायता देंगे : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि बड़ी संख्या में कृषि आधारित उद्योग बिहार में लगे और इसको लेकर हमारा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. निवेशक बिहार का रुख कर रहे हैं और बहुत जल्द कई इस तरह के उद्योग राज्य में में लग जायेंगे. वर्ष 2025 तक की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के साथ इस योजना में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता देने की परिकल्पना की गयी है.

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