BJP_VS_Bhumihar तेजस्वी को निमंत्रण पर भूमिहारों में फूट ! कहा- समाज की बैठक में इनकी क्या जरुरत ?

BJP_VS_Bhumihar कार्यक्रम में राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को कार्यक्रम का निमंत्रण भेजने पर समाज के लोग नाराज हो गए हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 2, 2022 3:41 PM

राजेश कुमार ओझा

भूमिहारों का गठबंधन बनने से पहले ही बंधन टूटने लगा है. समाज की बैठक में राजनीतिक दल के नेताओं को निमंत्रण देने पर यह बवाल शुरु हो गया. दरअसल, भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के बैनर तले मंगलवार को परशुराम जयंती मनाया जा रहा है. जयंती समारोह के बहाने समाज के लोगों की यह बैठक है. बीजेपी से नाराज भूमिहार समाज के लोग इस कार्यक्रम में अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे. लेकिन, इस कार्यक्रम में राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को कार्यक्रम का निमंत्रण भेजने पर समाज के लोग नाराज हो गए हैं. उनका कहना है कि भूमिहार समाज की बैठक में दूसरे समाज के लोगों को निमंत्रण देने से इसका गलत मैसेज जायेगा. कार्यक्रम जब समाज की है तो राजनीतिक बनाने से बचना चाहिए.

पशुराम जयंती पर तेजस्वी यादव और भक्त चरण दास को निमंत्रण भेजने पर बिहार विधान परिषद के सदस्य सच्चिदानंद राय ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हमे समाज के बाहर के लोगों को निमंत्रण देने का क्यों जरुरत पड़ गई. उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि तेजस्वी यादव ने भूमिहारों से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. लेकिन, हम उनकी उपस्थिति में अपना फैसला कैसे ले सकते हैं. इधर, भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के आशुतोष कुमार का कहना है कि यह धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम है. इसी कारण हमने दूसरे समाज के लोगों को भी इसमें निमंत्रित किया है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश के सभी 38 जिलों से 10 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है. 3 मई मंगलवार को 10 बजे राजवंशी नगर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी. बैंड बाजे ,हाथी घोड़ा के साथ सैकड़ों गाड़ियों का काफिला वहां से गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में पहुंचेगा.

बहरहाल बीजेपी से नाराज भूमिहार समाज का एकता का बंधन बनने से पहले ही टूटने लगा है. 8 मई को बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अजीत कुमार भी पटना में समाज की एक बैठक करने वाले हैं. अपनी सभा को सफल बनाने के लिए वे निरंतर प्रयास कर रहे हैं. इधर, रामजतन सिन्हा का भी प्रयास है कि बिहार के सभी भूमिहारों को एक मंच पर लाया जाए.

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