पटना. दो हजार रुपये के नोट एक्सचेंज करने को लेकर लोग अपने-अपने बैंक की शाखा में जा रहे हैं, लेकिन कई बैंकों में रिजर्व बैंक की गाइडलाइन को दरकिनार कर अपने-अपने तरीके से नोट बदल रहे हैं. इसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
रिक्वेस्ट फाॅर्म भरवाया जा रहा
बुद्ध मार्ग स्थित केनरा बैंक में दो हजार रुपये के नोट बदले तो जा रहे हैं, लेकिन यहां आने वाले लोगों से रिक्वेस्ट फाॅर्म भरवाया जा रहा है. बैंक मैनेजर में बताया कि बैंक प्रबंधन का यहीं आदेश है. इतना ही नहीं, रिक्वेस्ट फाॅर्म लेने के लिए बैंक के पहले तल्ले पर जाना पड़ा है.सबसे अधिक परेशानी, तो सीनियर सिटीजन को हो रही है.
कोतवाली थाना स्थित इंडियन बैंक में भी दो हजार रुपये के नोट बदलने के लिए आने वाले लोगों को भी रिक्वेस्ट फॉर्म भरने को कहा जा रहा है. कम पढ़े-लिखे लोगों को फाॅर्म बढ़ने में काफी परेशानी हो रही है. इसके साथ पहचान पत्र की काॅपी देने को कहा जा रहा है. इसके कारण कई लोग नोट एक्सचेंज कराये बिना लौट रहे हैं.
मांगा जा रहा आईडी प्रूफ
वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक में दो हजार रुपये के नोट एक्सचेंज करने आने वालों से आइडी प्रूफ मांगा जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि बैंक प्रबंधन को जो आदेश है, उसका पालन किया जा रहा है. कौन क्या कर रहा है, उससे मुझे कोई लेना देना नहीं है.
मांगी जा रही आधार व पैन की कॉपी
मीठापुर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में नोट बदलने के लिए तो किसी तरह का रिक्वेस्ट फाॅर्म नहीं भराया जा रहा है, लेकिन यहां आने वालों से आधार और पैन कार्ड की फोटो कॉपी साइन के साथ मांगी जा रही है. वहीं, यूनियन बैंक की निफ्ट, मीठापुर ब्रांच में तो दो हजार रुपये के नोट नहीं बदले जा रहे है. इसके कारण हर दिन 10 से 20 लोग निराश होकर लौट रहे हैं. कैश काउंटर पर तैनात अधिकारी ने बताया कि अब तक नोट बदलने का प्रावधान नहीं है. केवल बैंक की बड़ी शाखाओं में यह सुविधा है.
रिजर्व बैंक को करनी चाहिए तत्काल कार्रवाई
ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि बैंकों के बीच नोट एक्सचेंज करने की प्रक्रिया में कोई समानता नहीं दिख रही है. कहीं, रिक्वीजीशन स्लिप के बगैर नोट एक्सचेंज मना कर रहे है तो कहीं आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर नोट एक्सचेंज किये जा रहे हैं. रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस की अनदेखी कर अलग-अलग बैंक द्वारा अलग प्रक्रिया अपनायी जा रही है. इस पर तत्काल रिजर्व बैंक को कार्रवाई करनी चाहिए.