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बिहार में बायोमीट्रिक से बनेगी मनरेगा में करने वालों की हाजिरी, मजदूरों के सही काम का हो सकेगा भुगतान

पहली जनवरी से व्यक्तिगत कार्य को छोड़ कर मनरेगा के सभी कार्यों में एनएमएमएस लागू कर दिया गया है. कार्यस्थल पर मजदूरों का एनएमएमएस एप द्वारा फोटो लिया जा रहा है. फोटो के साथ उनकी हाजिरी बनायी जा रही है.

मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी के नाम पर अब फर्जीवाड़ा नहीं होगा. सभी मजदूरों का उनके कार्यस्थल पर ही बायोमीट्रिक पद्धति से हाजिरी दर्ज करायी जायेगी. इसके लिए मनरेगा साॅफ्ट एप्लीकेशन मोबाइल का प्रयोग किया जायेगा. नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिसटम एनएमएमएस के उपयोग से न केवल फर्जी हाजिरी लगाकर पैसे निकालने पर रोक लग सकेगी, बल्कि काम के घंटे का भी सही आकलन हो सकेगा. इससे सही मजदूरों को उनके सही काम के घंटे का भुगतान हो सकेगा. साथ ही भ्रष्ट तरीके से मनरेगा में चल रहे फर्जीवाड़े से सरकारी राशि के दुरुपयोग पर भी रोक लग सकेगी.

सभी सूचनाएं विभाग के बेवसाइट पर देखी जा सकेंगी

एनएमएमएस को एक जनवरी से लागू कर दिया गया है. इससे मजदूरों के नाम और उनके काम की मास्टर रोल में इंट्री किये जाने से बच सकेंगे. सभी सूचनाएं विभाग के बेवसाइट पर देखी जा सकेंगी. इससे राज्य मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक सही माॅनीटरिंग भी की जा सकेगी. सरकार को मनरेगा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थीं. इसमें बिना काम कराये ही पैसे का भुगतान और कई मामलों में काम के कम पैसे मिलने की भी शिकायतें थीं. एनएमएमएस के लागू होने से इन सभी शिकायतों की गुंजाइश खत्म हो जायेगी.

पहली जनवरी से एनएमएमएस लागू

पहली जनवरी से व्यक्तिगत कार्य को छोड़ कर मनरेगा के सभी कार्यों में एनएमएमएस लागू कर दिया गया है. कार्यस्थल पर मजदूरों का एनएमएमएस एप द्वारा फोटो लिया जा रहा है. फोटो के साथ उनकी हाजिरी बनायी जा रही है. इसकी जांच के बाद ही मजदूरी का भुगतान किया जायेगा. फिलहाल बायोमीट्रिक हाजिरी लागू नहीं हुई है. सिर्फ एनएमएमएस लागू किया गया है. विभागीय सूत्रों ने बताया कि बायोमीट्रिक हाजिरी को जल्द ही लागू कर दी जायेगी. इसमें अंगूठे से मजदूरों की हाजिरी लगायी जायेगी.

ऐसे होगी मजदूरों की उपस्थिति

मनरेगा मजदूरों की हाजिरी बायोमीट्रिक अटेंडेंटस टेबलेट और मोबाइल के माध्यम से ली जायेगी. मोबाइल एप को ऑलाइन किये जाने के बाद वर्क कोड, मास्टर रोल नंबर, तिथिवार उपस्थिति, जाॅब कार्डधारी का नाम, उनका कार्ड नंबर सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारी का काॅलम दिखने लगेगा. साॅफ्टवेयर पूर्व में दर्ज फिंगर प्रिंट से सत्यापन स्वयं कर लेगा.

जाॅब कार्ड को आधार सीडिंग कराना होगा अनिवार्य

मनरेगा के मजदूरों को जाॅब कार्डधारियों को अभियान चलाकर उनके आधार नंबर को लिंक कराया जायेगा. शत -प्रतिशत मजदूरों को इसका लाभ मिले इसके लिए अभियान चलाया जायेगा.

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राज्य में इतने हैं मनरेगा जाॅब कार्डधारी

राज्य में मनरेगा के सक्रिय मजदूरों की संख्या 95 लाख 39 हजार 078 है, जबकि कुल निबंधित मजदूरों की संख्या तीन करोड़ 14 लाख एक हजार 787 है.

ऐसे होता है फर्जीवाड़ा

मनरेगा कार्य में मौजूदा सिस्टम में पंचायत के मुखिया, रोजगार सेवक की मिलीभगत से परिचितों का फर्जी जाॅब कार्ड बनवा लिया जाता है. ऐसे फर्जी जाॅब कार्डधारियों के नाम बिना काम कराये ही उनकी उपस्थिति मस्टर रोल पर दर्ज कर ली जाती है. इसके बाद मजदूरों की मजदूरी उनके बैंक खाते में पहुंचती है, जबकि वास्तविक कामगारों को मजदूरी और काम नहीं मिलता.

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