कदाचार के आधार पर जब्त नहीं हो सकती सारी पेंशन, हाइकोर्ट ने कहा- आरोपमुक्त होने पर देना होगा एरियर

पटना हाइकोर्ट ने कर्मचारियों और पदाधिकारियों के हित में एक आदेश पारित करते हुए कहा है कि कदाचार के आरोपित की जिंदगी भर के लिए सारी पेंशन राज्य सरकार जब्त नहीं कर सकती है.

By Prabhat Khabar | February 26, 2021 7:00 AM

पटना . पटना हाइकोर्ट ने कर्मचारियों और पदाधिकारियों के हित में एक आदेश पारित करते हुए कहा है कि कदाचार के आरोपित की जिंदगी भर के लिए सारी पेंशन राज्य सरकार जब्त नहीं कर सकती है.

अदालत ने याचिकाकर्ता झकारी राम को जीवनपर्यंत कम-से-कम 50% पेंशन का भुगतान करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय के एकलपीठ ने यह निर्देश दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि विजिलेंस केस और विभागीय कार्यवाही में याचिकाकर्ता दोषी नहीं पाये जाते हैं, तो उन्हें 100% पेंशन के साथ उसका एरियर और अन्य प्रकार का लाभांश भी मिल जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार को एक महीने के अंदर सेवानिवृत्त लाभांश दे देना होगा.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि खनन एवं भू-तत्व विभाग ने पेंशन रूल की अवहेलना करते हुए पूर्व खनिज विकास पदाधिकारी की न केवल सारी पेंशन रोक दी, बल्कि इसे हमेशा के लिए लेने से भी मना कर दिया. जबकि अब तक यह साबित नहीं हो पाया है कि पूर्व खनन विकास पदाधिकारी ने वास्तव में रिश्वत ली और आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर ली थी.

मालूम हो कि एक फरवरी, 2014 को पूर्व खनन विकास पदाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें विजिलेंस ने अपनी जांच में पाया था कि उन्होंने पटना व शेखपुरा में रहकर एक करोड़ 68 लाख 53 हजार 446 रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली है.

Posted by Ashish Jha

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