बिहार में UIDAI का धीमा सर्वर बना मुसीबत, शराबियों के आधार वेरिफिकेशन में हो रही दिक्कत

फरवरी में शराबियों के आधार सत्यापन की शुरुआत के बाद पहले दो महीने काफी परेशानी हुई. कभी सर्वर डाउन रहा तो कभी तकनीक का ज्ञान नहीं होने से ऑपरेटरों को संचालन में दिक्कत हुई.

By Prabhat Khabar | May 14, 2023 2:18 AM

बिहार में शराब पीने के आरोप में पकड़े जाने वाले लोगों के आधार सत्यापन में परेशानी हो रही है. यूआइडीएआइ (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का सर्वर धीमा होने की वजह से उत्पाद कार्यालयों में पकड़े जाने वाले लोगों की तुलना में कम ही लोगों का सत्यापन सुनिश्चित हो पा रहा है. हालांकि, फरवरी 2023 से इसकी शुरुआत होने के बाद पहले दो महीने फरवरी- मार्च के मुकाबले अप्रैल और वर्तमान मई महीने में सत्यापन की संख्या बढ़ी है.

125 रिपीट ऑफेंडर्स की हुई पहचान

बिहार में फिलहाल अब तक 14 हजार से अधिक शराबियों का आधार सत्यापन हो चुका है, जबकि सत्यापन के दौरान 125 रिपीट ऑफेंडर्स यानि शराब पीने के आरोप में दूसरी बार पकड़े गये लोगों की भी पहचान हुई है.

पहले दो महीने हुई काफी दिक्कत

फरवरी में शराबियों के आधार सत्यापन की शुरुआत के बाद पहले दो महीने काफी परेशानी हुई. कभी सर्वर डाउन रहा तो कभी तकनीक का ज्ञान नहीं होने से ऑपरेटरों को संचालन में दिक्कत हुई. कई बार नशे की हालत में पकड़े गये लोगों के द्वारा सहयोग नहीं किये जाने की वजह से भी उत्पाद कर्मियों को परेशानी झेलनी पड़ी. मुख्यालय के स्तर पर प्रशिक्षण दिये जाने के बाद ये परेशानी दूर हुई.

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मई में अबतक 4000 शराबियों का सत्यापन

फरवरी और मार्च में जहां क्रमश: मात्र 711 और 1467 शराबियों के आधार का सत्यापन हुआ, वहीं अप्रैल में सक्रियता बढ़ने पर यह संख्या 6500 तक पहुंच गयी. मई महीने के पहले दो हफ्ते में भी करीब चार हजार शराबियों के आधार का सत्यापन पूरा किया गया. बेहतर संचालन एवं व्यवस्था को लेकर मद्य निषेध उत्पाद विभाग ने संपूर्ण आधार सत्यापन उपकरणों की आपूर्ति, स्थापना, जांच, संचालन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंपने की व्यवस्था कर रही है.

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