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पीएमसीएच : प्रभावशाली कैदियों के साधारण रोगों के लंबे इलाज!

कैदी वार्ड में जमे हैं बच्चा राय और रणवीर यादव समेत पांच बहुचर्चित बंदी पटना : पीएमसीएच के कैदी वार्ड में इस समय बहुचर्चित मामलों के कई आरोपित छोटी-छोटी बीमारियों को लेकर हफ्तों या महीनों से इलाज करा रहे हैं. इनमें बिहार टॉपर घोटाले के आरोपित बच्चा राय, पूर्व विधायक रणवीर यादव, बृजनाथी सिंह हत्याकांड […]

कैदी वार्ड में जमे हैं बच्चा राय और रणवीर यादव समेत पांच बहुचर्चित बंदी
पटना : पीएमसीएच के कैदी वार्ड में इस समय बहुचर्चित मामलों के कई आरोपित छोटी-छोटी बीमारियों को लेकर हफ्तों या महीनों से इलाज करा रहे हैं. इनमें बिहार टॉपर घोटाले के आरोपित बच्चा राय, पूर्व विधायक रणवीर यादव, बृजनाथी सिंह हत्याकांड के आरोपित सुनील राय व सुबोध राय और कई मामलों के वांछित कुंदन सिंह शामिल हैं. किसी की आंख में परेशानी है तो किसी को लोअर बैक पेन की शिकायत.
कई लेटर भेज चुका है जेल प्रशासन : सूत्रों का कहना है कि पीएमसीएच के कैदी वार्ड में इन बहुचर्चित बंदियों को कई तरह की विशेष सुविधाएं भी मुहैया करायी गयी हैं. इनमें से कई बंदियों को वापस जेल भेजने के लिए बेऊर जेल प्रशासन कई बार पत्राचार कर चुका है, लेकिन बार-बार किसी न किसी बीमारी होने की बात कह कर उन्हें डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है.
वार्ड में भी बंदी अपनी आपराधिक हरकतों से भी बाज नहीं आ रहे. सूत्रों के मुताबिक कुछ दिनों पहले कुंदन सिंह व उसके बेटे ने वहीं तैनात दो पुलिसकर्मियों की धुनाई कर दी थी. पीरबहोर टीओपी इंचार्ज धनंजय कुमार ने भी पीएमसीएच अधीक्षक को पत्र के माध्यम से जानकारी दी और जेल भेजने का आग्रह किया था. लेकिन उस पत्र को भी अनसुना कर दिया.
कैदियों के इलाज की पर्ची देखने से पता चलता है कि यहां भर्ती प्रभावशाली बंदियों को लगभग एक जैसी बीमारी होती है. वह है शरीर के पीछे निचले भाग में दर्द और आंखों की समस्या. ये बंदी जेल से एक बीमारी का इलाज कराने के लिए आये और इलाज के बाद उन्हें फिर दूसरी बीमारी हो गयी. जिन्हें लोअर बैक पेन की शिकायत थी, वह आंखों में समस्या की शिकायत करने लगे, जिन्हें आंख की शिकायत थी, उन्हें फिर लोअर बैक पेन की शिकायत हो गयी.
1. बिहार टॉपर घोटाले का आरोपित बच्चा राय 25 अप्रैल से इलाजरत है. 25 मई से उसे आंख में समस्या की शिकायत हो गयी.
2. हत्या के आरोपित पूर्व विधायक रणवीर यादव को चक्कर व अन्य समस्या के कारण 6 जनवरी को सदर अस्पताल मुंगेर से लाया गया था. लोअर बैक पेन व कई अन्य समस्याएं बतायी गयीं.
3. बृजनाथी सिंह हत्याकांड का आरोपित सुनील राय 23 दिसंबर, 2016 को लाया गया था. गोली लगने से जांघ में सूजन की शिकायत के बाद पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भेजा गया था.
4. सुनील राय का भाई सुबोध राय भी 25 अप्रैल को पीएमसीएच पहुंच गया. उसे चक्कर आने व चेस्ट पेन की शिकायत थी.
5. ट्रांसपोर्टर रविकांत की हत्या में आरोपित कुंदन सिंह की आंख में समस्या के कारण के उसे 29 दिसंबर 2016 को बेऊर जेल से पीएमसीएच लाया गया था. कुंदन सिंह को वापस भेजने के लिए कई बार बेऊर जेल प्रशासन और पटना पुलिस की ओर से भी पत्र लिखा गया, लेकिन उसे वापस नहीं भेजा गया.
जब तक डॉक्टर मरीज को फिट घोषित नहीं करेेंगे तब तक उसे डिस्चार्ज नहीं किया जाता है. रही बात कैदी को अधिक दिन तक कैदी वार्ड में बने रहने की तो हमारे पास इस तरह की कोई लिखित शिकायत नहीं है. शिकायत आती है तो कार्रवाई की जायेगी.
डॉ एसएन सिन्हा, प्रिंसिपल पीएमसीएच
बंदियों को वापस जेल भेजने के लिए पीएमसीएच प्रशासन से नियमानुसार हर सप्ताह पत्राचार किया जाता है. अनुरोध किया जाता है कि अगर उनका स्वास्थ्य ठीक है तो उन्हें वापस जेल भेज दिया जाये.
रुपक कुमार, अधीक्षक, बेऊर जेल
उठ रहे सवाल
कैदी वार्ड में जाने के बाद कई अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं, जबकि वे किसी एक मामूली बीमारी की जांच के लिए वहां भेजे जाते हैं?
प्रभावशाली बंदी यहां हफ्तों या महीनों से इलाज करा रहे हैं. क्या इलाज की मॉनीटरिंग नहीं होती है?

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