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6 लाख 25 हजार आवासों में बने सिर्फ सात आवास
पटना : राज्य में मॉनसून दस्तक देनेवाला है. सरकार द्वारा 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6 लाख 25 हजार आवासों की स्वीकृति दी गयी है. इन आवासों की स्वीकृति की गति बहुत ही धीमी है. यही कारण है कि छह लाख 25 हजार में महज 13 हजार 208 आवासों के निर्माण के लिए […]
पटना : राज्य में मॉनसून दस्तक देनेवाला है. सरकार द्वारा 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6 लाख 25 हजार आवासों की स्वीकृति दी गयी है. इन आवासों की स्वीकृति की गति बहुत ही धीमी है.
यही कारण है कि छह लाख 25 हजार में महज 13 हजार 208 आवासों के निर्माण के लिए ही पहली किस्त की राशि दी गयी है. राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण का कार्य ठप रहेगा. अगर यही रफ्तार रहा तो वर्ष 2016 के लिए स्वीकृत आवासों का निर्माण कार्य 2018 में जाकर पूरा होगा. राज्य में कुल आवासों की स्वीकृति के लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक महज सात आवासों का निर्माण ही पूर्ण हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए वर्ष 2016-17 के तहत कुल 625625 लाभार्थियों का लक्ष्य राज्य को मिला है.
इन लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक व जाति आधारित जनगणना के आधार पर किया गया है. जिलों में डीडीसी और प्रखंड विकास पदाधिकारियों की सुस्ती के कारण अभी तक कुल लाभार्थियों में दो लाख 25 हजार 948 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है. चार लाख लाभार्थी अभी तक पंजीकृत भी नहीं हुए हैं. जो लोग पंजीकृत हुए हैं उनमें से एक लाख 73 हजार को जिओ टैंगिंग किया गया है.
जिन लोगों को आवास उपलब्ध कराया जाना है उसमें एक लाख 23 हजार 814 लोगों के आवास को स्वीकृति दी गयी है जबकि एक लाख 15 हजार लाभार्थियों के बैंक खातों की जांच के साथ आवासों की स्वीकृति दी गयी है. लाभार्थियों के खाता जांच होने के बाद भी महज 13208 लोगों को ही पहली किस्त की राशि निर्गत की गयी है. इस स्थिति में राज्य के गरीब परिवारों को गरमी और बारिश का मौसम खुले आसमान या झोपड़ी में ही काटना होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हीं परिवारों को प्राथमिकता दी गयी है जो आवास विहीन हैं, जो झोपड़ी, कच्चे मकान या एक कमरे के मकान में रहते हैं.
सरकार ने की कार्रवाई
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की. समीक्षा में आवास निर्माण की धीमी रफ्तार से नाराज मंत्री ने 22 बीडीओ पर कार्रवाई करने और 13 डीडीसी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है. मंत्री 22 प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों पर प्रपत्र क गठित करते हुए निलंबन की कार्रवाई आरंभ करने का आदेश दिया है. इसी तरह से अरवल, बांका, जहानाबाद, लखीसराय मधुबनी, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, रोहतास, सहरसा, शिवहर और वैशाली जिला में वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवास प्राप्त लाभुकों के खाते में पहली किस्त की राशि नहीं भेजी गयी है.
कहां है परेशानी
आवासों की स्वीकृति पंचायत स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा की जानी है. शिविर के माध्यम से लाभार्थियों का खाता खोलना है. साथ ही जिनको आवास की स्वीकृति दी गयी है उनको ग्राम सभा से स्वीकृति लेनी होगी. यह काम प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा कराया जाना है. इसके साथ ही संबंधित जिले के डीडीसी की जिम्मेवारी है कि वह आवास निर्माण की सख्त मॉनीटरिंग करें. इन दोनों स्तर पर आवासों को लेकर उदासीनता बनी हुई है.
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