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इस बार बिहार में बाढ़ आयी तो जिम्मेवारी किसकी होगी
जदयू ने केंद्र से पूछा सवाल पटना : जदयू ने मंगलवार को केंद्र सरकार से सवाल किया है कि इस बार यदि बिहार में बाढ़ आयी तो इसके लिए कौन जिम्मेवार होगा? पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद और डॉ अजय आलोक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गंगा में गाद भर गया है. नमामि गंगे […]
जदयू ने केंद्र से पूछा सवाल
पटना : जदयू ने मंगलवार को केंद्र सरकार से सवाल किया है कि इस बार यदि बिहार में बाढ़ आयी तो इसके लिए कौन जिम्मेवार होगा? पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद और डॉ अजय आलोक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गंगा में गाद भर गया है. नमामि गंगे के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया, लेकिन इसमें से एक भी पैसा बिहार में खर्च नहीं हुआ है. प्रदेश में 450 किमी एरिया में गंगा है, लेकिन उस पर कोई काम नहीं हुआ. ऐसे में जुलाई-अगस्त में प्रदेश में आने वाली बाढ़ से भारी तबाही की आशंका है. इससे करीब 12 जिले सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं. इससे करीब 60 फीसदी आबादी हर साल परेशान होती है.
जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि संसद में गंगा के मुद्दे पर 15 सांसदों ने सवाल उठाये. इसके किनारे बसे शहरों के करीब 90 फीसदी सांसद भाजपा के होने के बावजूद उनमें से किसी ने कोई सवाल नहीं किया. इस बार भी बाढ़ से तबाही होने पर भाजपा नेता केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश सरकार को बदनाम करेंगे.
उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि यह सरकार केवल गंगा घाटों के संवर्धन और सौंदर्यीकरण का काम कर रही है, लेकिन गंगा की अविरलता को नकारा जा रहा है. केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने के बावजूद बिहार में गंगा पर इनका ध्यान नहीं है. इनका कोई काम नहीं दिखता. इसी बात पर ध्यान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. उनसे गंगा में गाद की समस्या और अविरलता के बारे में समाधान निकालने के बारे में बात की.
नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी से क्या कहा
नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी से 27 मई को कहा था कि गंगा में गाद जमा होना एक बड़ा मुद्दा है. इससे नदी पर बुरा असर पड़ रहा है. इसकी वजह से हर साल करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं. करोड़ों रुपये का नुकसान होता है. उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की थी कि गंगा में गाद की स्थिति का आकलन करने के लिए 10 जून से पहले विशेषज्ञों की एक टीम बिहार भेजी जाये. इसके द्वारा बक्सर से फरक्का तक की व्यावहारिक स्थिति का आकलन करना चाहिये.
उमा भारती पर तय हो गया आरोप, कैसे चलायेंगी मंत्रालय
जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में केंद्र सरकार की जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री उमा भारती पर मंगलवार को लखनऊ हाइकोर्ट से आरोप तय हो गया. ऐसे में अब वे मंत्रालय कैसे चलायेंगी? उमा भारती ने साल 2019 तक गंगा में सफाई की बात कही थी. अब आरोपित होने के बाद वे गंगा पर कैसे काम कर सकेंगी? ऐसे में पीएमओ और प्रधानमंत्री को यह प्रोजेक्ट सीधा अपने हाथ में लेना चाहिए.
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