Advertisement
गंगा डॉल्फिन के लिए बनेगा इको सेंसेटिव जोन
दस किमी पट्टी के रूप में किया जाना है विकसित पटना : अब गंगा डॉल्फिन और पक्षियों को सुरक्षित करने के लिए इको सेंसेटिव जोन बनाया जायेगा. पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से भागलपुर और जमुई जिले को इको सेंसेटिव जोन के रूप में स्थापित किया जाना है. ताकि वन्य प्राणियों की प्राकृतिक रूप […]
दस किमी पट्टी के रूप में किया जाना है विकसित
पटना : अब गंगा डॉल्फिन और पक्षियों को सुरक्षित करने के लिए इको सेंसेटिव जोन बनाया जायेगा. पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से भागलपुर और जमुई जिले को इको सेंसेटिव जोन के रूप में स्थापित किया जाना है. ताकि वन्य प्राणियों की प्राकृतिक रूप से सुरक्षित रखा जा सके. इसके लिए गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के भागलपुर के लिए सुल्तान गंज से कहलगांव और जमुई जिले के नागी और नकटी डैम सेंचुरी को इको सेंसटिव जोन बनाया जायेगा.
नहीं होगा कोई कंस्ट्रक्शन का काम : इको सेंसेटिव जोन में किसी भी तरह का कंस्ट्रक्शन के काम पर पूरी तरह से रोक होगा. इसमें व्यावसायिक उत्खनन, आरा मिला, प्रदूषण करने वाले उद्योग, सीवरेज का पानी, मशीन के द्वारा मछली पालन, पनबिजली, कोयला से संबंधित पावर यंत्र आदि पर पूरी तरह रोक लगा दिया जायेगा. यानी निर्धारित जोन में किसी प्रकार का काम नहीं होगा.
क्या है इको सेंसेटिव जोन : वहां के वन्य या जलीय जीवों को प्राकृतिक सुरक्षा देने के लिए इको जोन बनाया जाता है. इसके तहत प्राकृतिक पारिस्थितिकी बनी रहती है. इसके चारों ओर कृषि कार्य, पौधरोपण व आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाता है. यहां तक की बड़े-बड़े मकानों के निर्माण पर रोक लगा दी जाती है. ताकि घरों से निकलने वाले कचरा नदियों और नालाें के जरिये पर्यावरण को प्रदूषित नहीं कर सकें. पर्यावरण एवं वन विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख वन संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता ने कहा कि तीन जगहों के लिए केंद्र सरकार को प्रोपोजल भेजा गया है. डॉल्फिन सेंचुरी के लिए अक्तूबर आैर नागी नकटी डैम के लिए अप्रैल में प्रोपोजल भेजा गया है. आपत्ति लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी थी. आपत्ति नहीं मिलने के बाद एक से दो महीने में केंद्र सरकार की मंजूरी मिल जायेगी.
वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से दो जिलों के तीन जगहों के लिए केंद्र सरकार को फाइनल प्रस्ताव भेजा गया है. सहमति मिलते ही इको जोन के बनाने का काम किया जायेगा. इसमें दो बर्ड और एक डॉल्फिन सेंचुरी को सुरक्षित किया जाना है. विभाग के मुताबिक किसी भी सेंचुरी एरिया को इको जोन बनाने के लिए इलाके के 10 किलोमीटर को पट्टी के रूप में विकसित किया जाता है. ज्यादा इलाका प्रभावित न हो, इसलिए डॉल्फिन सेंचुरी के इको जाेन के लिए 12, 221 हेक्टेयर होगा. इसमें 100 से 500 मीटर तक बाउंड्री होगी. बरारी घाट इलाके में 100 मीटर बाउंड्री होगी. नवगछिया तरफ 500 मीटर की बाउंड्री तक इको जोन में शामिल होगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement