पटना सिटी : ‘एक पिता एकस के हम बारिक, तेरा किया मीठा लागै’ जैसे शबद कीर्तन से सोमवार को संगत निहाल हो गयी. मौका था सिख पंथ के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी महाराज के 411 वें शहीदी पर्व पर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में सजे विशेष दीवान का.
दीवान में जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह खालसा व कथावाचक ज्ञानी दलजीत सिंह ने कहा कि गुरु महाराज ने अपने जीवन दर्शन में आध्यात्मिक व सांसारिक उन्नति के लिए एक पिता एकस के हम बारिक, ना कोई बैरी न ही बेगाना का संदेश दे मानव को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया, जिसकी प्रासंगिकता आज के बदले परिवेश में बढ़ गयी है. गुरु जी का सिद्धांत समाज को एकता व अखंडता के सूत्र में पिरोने का सशक्त माध्यम है.
इस मौके पर हुजूरी रागी जत्थों में भाई हरभजन सिंह, भाई कविंद्र सिंह,भाई नविंदर सिंह ने वैराग्मय कीर्तन किया. इससे पहले दो दिनों से चल रहे गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की समाप्ति हुई. इसके बाद तख्त के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने विश्व शांति व भाईचारे के लिए अरदास किया.