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अल्लाह ने की रहमतों की बारिश

रमजान : पहले रोजे के िदन बािरश होने से मौसम हुआ खुशगवार, तो रोजेदारों ने कहा फुलवारीशरीफ : राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में रविवार की दोपहर अचानक मौसम का मिजाज बदला और आंधी-पानी के साथ बारिश से मौसम सुहाना हो गया. रमजान के पहले ही रोजा के दिन बारिश को देख रोजेदारों […]

रमजान : पहले रोजे के िदन बािरश होने से मौसम हुआ खुशगवार, तो रोजेदारों ने कहा
फुलवारीशरीफ : राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में रविवार की दोपहर अचानक मौसम का मिजाज बदला और आंधी-पानी के साथ बारिश से मौसम सुहाना हो गया. रमजान के पहले ही रोजा के दिन बारिश को देख रोजेदारों ने कहा कि अल्लाह ने रोजेदारों के लिए भीषण गरमी में रहमतों की बारिश की है. बदलते खुशगवार मौसम में रोजेदारों के साथ हर तबके के चेहरे खिल उठे. अचानक मौसम में बदलाव और तेज बारिश के बाद जब शाम में रोजेदारों ने रोजा खोला तो चेहरों पर मुस्कान बिखर गयी.
मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना बनी हुई है. राजधानी में लोग भीषण गरमी से परेशान थे. बारिश से राहत मिलने पर लोगों खासकर रोजेदारों के चेहरे खिले हुए हैं. देर रात शुरू हुई तरावीह की नमाज अदा करने मसजिदों में पहुंचे रोजेदारों ने खुशगवार मौसम में अल्लाह की इबादत की और तरावीह बाद शिर चाय का मजा लिया.
अकीदत के साथ खोला गया पहला रोजा
फुलवारीशरीफ. एक सप्ताह से जिस तरह की गरमी पड़ रही थी रोजा रखनेवाले यह समझ रहे थे कि इस बार का रोजा बहुत ही कड़ा गुजरेगा. अल्लाह ताला ने रमजान के पहले दिन से ही रोजा रखनेवालों पर करम फरमाते हुए दिन में झमाझम बारिश कर दी, जिससे मौसम सुहावना हो गया.
रोजादारों ने अकीदत के साथ पहला रोजा खोला. जैसे ही मगरीब की आजान हुई, तो रोजेदारों ने एक खजूर और एक गिलास पानी से रोजा तोड़ा. इस से पूर्व लोग इफ्तारी के सामान की खरीदारी के लिए बाजार निकल पड़े. कोई फल ले रहा था, तो कोई दूध, तो कोई मिठाई, तो कोई रोटी. सबके सब लोग व्यस्त थे. रमजान को देखते हुए फल भी महंगा हो गया है. केला 60 रुपये दर्जन बिक रहा है, तो आम 90 रुपये किलो.
रोजेदार मोशमीम अहमद उर्फ मुन्नन ने बताया कि फल तो महंगा रहेगा, तब भी फल तो चाहिए ,मात्रा कम कर देंगे.
फुलवारीशरीफ : पटना जमातुल उलमा के सचिव एखलाक अहमद कादरी की पोती और जिल्लेअहमद कादरी की छह वर्षीया बेटी मोनिमा कादरी ने जिंदगी का पहला रोजा रखा. मोनिमा के दादा एखलाक अहमद कादरी बताते हैं कि सेहर में वह उठी और जिद करने लगी कि वह भी रोजा रखेगी.
मौसम बेहतर होने के कारण दोपहर तक मोनिमा को कुछ एहसास नहीं हुआ और सो गयी. मां नजराना निलोफर कादरी कहती हैं कि आज पूरे परिवार के लिए खुशी का दिन है कि मोनिमा ने जिंदगी का पहला रोजा रखा. उसकी पसंदीदा महबूबी पकायी थी. क्लास वन में पढ़नेवाली मोनिमा कादरी ने बताया कि दोपहर के बाद प्यास का एहसास हुआ. तीन बजे के बाद सो गयी और इफ्तार के समय उठी. परिवार के बड़े लोगों के द्वारा रोजा खुलाई में मिले पैसे से कपड़ा लेगी.
रमजान ट्रेनिंग का महीना : मौलाना
फुलवारीशरीफ. इमारत-ए-शरिया के उपसचिव मौलाना सुहैल नदवी ने कहा कि रोजे को अरबी में सोम कहते हैं. रोजा सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं है, बल्कि ज्यादा-से-ज्यादा वक्त इबादत में गुजारे और वक्त पर नमाज पढ़ें. रमजान का महीना ट्रेनिंग का महीना है जिस तरह से मुसलमान भाई इस महीना में नमाज पढ़ते हैं, जकात देते हैं, झूठ नहीं बोलते, कोई गलत काम नहीं करते.
किसी की बुराई नहीं करते ठीक शेष 11 महीने में लोगों को इसी माह की तरह की जिंदगी गुजारनी चाहिए. रमजान का महीना बहुत रहमतों और बरकतों वाला है. अल्लाह की तरफ से रहमतों की बारिश होती रहती है. इसी माह में अल्लाह ने कुरान उतारा है.

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