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सहकारी समितियों को योजनाओं पर 50% ऋण

पटना, भागलपुर, समस्तीपुर सहित 11 जिलों को मिलेगा लाभ पटना : सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर तरह की मदद के लिए तैयार है. राज्य के 11 जिलों में काम करनेवाली कोई भी सहकारी समिति को सरकार किसी भी योजना के लिए 50 फीसदी ऋण उपलब्ध करायेगी. इसकी डीपीआर तैयार की जा रही […]

पटना, भागलपुर, समस्तीपुर सहित 11 जिलों को मिलेगा लाभ
पटना : सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर तरह की मदद के लिए तैयार है. राज्य के 11 जिलों में काम करनेवाली कोई भी सहकारी समिति को सरकार किसी भी योजना के लिए 50 फीसदी ऋण उपलब्ध करायेगी. इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है. जिससे कोई भी सहकारी समिति ग्रामीण क्षेत्र में कृषि एवं पशुपालन सहित किसी भी क्षेत्र में आसानी से काम कर सकेंगे.
जिन जिलों में नयी योजनाएं लागू की जायेंगी उसमें पटना, भागलपुर, कटिहार, सुपौल, मुजफ्फरपुर, बांका, सहरसा, नवादा, लखीसराय, जमुई, अरवल और समस्तीपुर शामिल हैं. सहकारिता मंत्री आलोक मेहता का कहना है कि अब तक पैक्स का काम महज राइस मिल या गोदाम बनाने का था.
अब सहकारिता क्षेत्र को गोदाम और राइस मिल से आगे ले जाने के लिए सरकार ने योजना तैयार की है. सहकारिता के राज्य में एक करोड़ 19 लाख सदस्य हैं. सहकारिता को घर-घर तक पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है. समेकित सहकारी विकास योजना से 11 जिलों में काम करने वाले किसी भी को-आॅपरेटिव की हर योजना पर सरकार 50 फीसदी ऋण उपलब्ध करायेगी.
इन जिलों को को-आॅपरेटिव चाहे तो गुड़ उद्योग, दुग्ध उद्योग, मधुमक्खी पालन उद्योग, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, टिकुली-बिंदी उद्योग, हस्तकरघा उद्योग, वर्मी कंपोस्ट, फ्लोर मिल, सोलर पंप सहित किसी भी प्रकार का उद्योग स्थापित कर सकती है. इसके लिए आवश्यक है कि उस को-आॅपरेटिव के तीन सालों की ऑडिट रिपोर्ट होनी चाहिए.
सरकार द्वारा दो जिलों में मॉडल के रूप में प्राकृतिक रूप से फल पकाने वाले उद्योग की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया गया है. वैशाली जिले के बिदुपुर पैक्स में केला को प्राकृतिक रूप से पकाने का संयंत्र लगाया जायेगा.
यह इथलिन आधारित प्राकृतिक गैस पर आधारित संयंत्र होगा, जिसके माध्यम से प्राकृतिक रूप से केले को पकाया जायेगा. इसमें केले की छीमी को अलग और पूरे घौद को पकाने की अलग-अलग व्यवस्था होगी. बड़ी बात है कि हाजीपुर में केले की भारी मात्रा में खेती होती है और कारबाइड से पके केले खाने से स्वास्थ्य को खतरा है. इसी तरह से भागलपुर जिले के नवगछिया में भी केला आधारित उद्योग लगाया जायेगा. इसमें केले से धागा बनाया जायेगा. साथ ही नवगछिया में बटेर पालन की भी योजना है.

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