आक्रोशित परिजनों ने हंगामा और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. मामले को बढ़ता देख मौके पर टीओपी पुलिस पहुंची और हंगामा को शांत कराया. हालांकि, पीएमसीएच प्रशासन ने आरोप से इनकार कर दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी और उसका ट्रीटमेंट सही से किया जा रहा था.
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टीबी मरीज की मौत पर हंगामा, तोड़फोड़
पटना: पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गयी, जब 20 वर्ष के एक मरीज की मौत हो गयी. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि पिछले एक महीने से मरीज भरती है, लेकिन उसको न तो समय पर डॉक्टर […]
पटना: पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गयी, जब 20 वर्ष के एक मरीज की मौत हो गयी. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि पिछले एक महीने से मरीज भरती है, लेकिन उसको न तो समय पर डॉक्टर देखने आते थे और नहीं नर्स इंजेक्शन लगाने. नतीजन मरीज की हालत बिगड़ने लगी और अंत में उसकी मौत हो गयी.
फेफड़ा हो गया था खराब : मिली जानकारी के अनुसार हथुआ वार्ड के बेड नंबर 34 पर इलाज करा रहे आरा जिले का प्रिंस कुमार सिंह टीबी का मरीज था. उसका फेफड़ा खराब हो गया था, जिससे वह पिछले एक महीने से भरती था. मरीज की बहन ने आरोप लगाते हुए कहा कि इलाज और जांच के लिए भी उसको लंबा इंतजार करना पड़ रहा था. कई बार वार्ड के डॉक्टरों से बात की गयी, बावजूद कोई भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया और अंत में मरीज की मौत हो गयी. आक्रोशित परिजनों ने हथुआ वार्ड में बेड, कुरसी, मेज आदि तोड़ दिये. अंत में परिजन सरकारी एंबुलेंस से अपने गृह जिले आरा शव को लेकर चले गये.
क्या कहते हैं अधिकारी
मरीज की हालत पहले से ही काफी खराब थी. मौत के बाद परिजन हंगामा करने लगे फिर बाद में टीओपी पुलिस को बुलाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने हंगामे को शांत कराया फिर शव को सरकारी एंबुलेंस से उनके गृह स्थान भेजा दिया गया.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक
पीएमसीएच
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