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12 बैंकों ने नहीं खोली बिहार में एक भी शाखा : सिद्दीकी
बैंकों को उनके कार्य के अनुसार करनी चाहिए ग्रेडिंग, एसएलबीसी तैयार करे प्रस्ताव पटना. राज्य में बैंक अपनी शाखाएं खोलने में रुचि नहीं दिखाते हैं. इस मामले पर एसएलबीसी की 60वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने संबोधन के दौरान बैंकों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 12 बैंक […]
बैंकों को उनके कार्य के अनुसार करनी चाहिए ग्रेडिंग, एसएलबीसी तैयार करे प्रस्ताव
पटना. राज्य में बैंक अपनी शाखाएं खोलने में रुचि नहीं दिखाते हैं. इस मामले पर एसएलबीसी की 60वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने संबोधन के दौरान बैंकों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 12 बैंक ऐसे हैं, जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान अपने निर्धारित टारगेट में एक भी शाखा नहीं खोली है.
अगर बैंक वाले इस टारगेट को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो इन्हें तय ही क्यों किया जाता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बैंक शाखाओं की कमी के कारण ही एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी) मशरूम की तरह फैल रही हैं और गरीबों का पैसा लेकर चंपत हो जा रही है. बैंकों को उनके प्रदर्शन के अनुसार ग्रेडिंग करनी चाहिए. वित्तमंत्री ने एसएलबीसी को इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बैंकों को वर्तमान में उनके कार्य के अनुसार प्वाइंट देने का प्रावधान है. साथ ही सभी डीएम को यह निर्देश भी दिया गया है कि खराब प्रदर्शन करने वाले बैंकों में सरकारी रुपये नहीं जमा किये जायें. वित्त मंत्री ने कहा कि यह एसएलबीसी की डायमंड जुबली बैठक होने के साथ-साथ चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने से भी जुड़ा हुआ है.
बैंकों को अपने प्रदर्शन और सामाजिक जिम्मेवारी की समीक्षा करनी चाहिए. जब सरकार से सहायता चाहिए, तो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और आम लोगों की मदद में भी बैंकों को आगे आना चाहिए. उन्होंने अपने दरभंगा जिला के ग्रामीण इलाका का एक वाकया सुनाते हुए कहा कि यहां वृद्धावस्था पेंशन दो साल से सिर्फ इसलिए नहीं मिला, क्योंकि बैंक वाले वृद्धजनों से आधार कार्ड होने के बावजूद पैन कार्ड मांग रहे हैं. अगर ऐसी मनमानी के खिलाफ कोई गरीब आदमी दुर्व्यवहार करता है, तो इसे गलत क्यों कहा जाये.
अच्छा मकान बनाने में बैंक करें सहयोग : श्रवण
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि गरीबों या बेघरों को अच्छा मकान बनाने में बैंक सहयोग करें. स्वयं सहायता समूहों को ऋण देने में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आइडीबीआइ समेत आठ बैंकों की स्थिति बेहद निराशाजनक है. महिला सशक्तीकरण में एसएचजी बेहद कारगर साबित हो रहा है.
इनका खाता खोलने में बैंक सहयोग करें. इसके अलावा कृषि मंत्री रामविचार राय ने भी बैंकों से किसानों को डीजल अनुदान, यांत्रिकीकरण योजना में अनुदान देने समेत अन्य में अनुदान के वितरण में मदद करें. अनुदान का वितरण नहीं हो पाता, ये बैंकों में पड़े रहते हैं. नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि दिन दयाल अंत्योदय योजना और स्वयं सहायता योजना के बेहतर क्रियान्वयन में बैंक सहयोग करें
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इन 12 बैंकों ने नहीं खोली कोई शाखा
सेंट्रल बैंक, यूको, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, आइसीआइसीआइ, फेडरल बैंक, साउथ इंडियन समेत अन्य.
राज्य का सीडी रेसियो
वर्ष सीडी रेसियो (प्रतिशत में)
2011-12 36.70
2012-13 38.68
2013-14 42.89
2014-15 44.59
2015-16 44.99
2016-17 43.94
– भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और मुंगेर का सीडी रेसियो 30 प्रतिशत से कम है.
– पंजाब एंड सिंध और कर्णाटक बैंक की उपलब्धि 25 फीसदी से कम.
– एसबीआइ, सेंट्रल बैंक, आइडीबीआइ, पीएनबी, सिंडीकेट और इलाहाबाद बैंक की उपलब्धि 40 फीसदी से कम
– शिक्षा ऋण- पांच लाख छात्रों को देने का लक्ष्य, उपलब्धि महज 4.77 प्रतिशत
– केसीसी- वित्तीय वर्ष 2016-17 में किसान क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य 15 लाख था, उपलब्धि- 38.70 प्रतिशत
– गव्य विकास में तीन लाख 12 हजार ऋण बांटने के लक्ष्य में 11.74 प्रतिशत हुआ वितरण
– मत्स्य पालन में 71533 रुपये के लक्ष्य में, 6.06 प्रतिशत उपलब्धि
– कुकुट पालन में 79079 रुपये के लक्ष्य में, 4.92 प्रतिशत उपलब्धि
– कृषि यांत्रिकरण में 2 लाख 98 हजार रु के लक्ष्य में 27.64 प्रतिशत उपलब्धि
– स्टैंड अप योजना में 19.11 उपलब्धि
– मुद्रा योजना में 109.86 प्रतिशत की उपलब्धि
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