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इलाज के दौरान बंदी की मौत
शराब पीने के आरोप में युवक को किया गया था गिरफ्तार बंदी की मौत की जांच और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग पटना सिटी : बाइपास थाना पुलिस की ओर से शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये 36 वर्षीय युवक छोटे लाल बिंद की मौत पीएमसीएच में रविवार की […]
शराब पीने के आरोप में युवक को किया गया था गिरफ्तार
बंदी की मौत की जांच और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग
पटना सिटी : बाइपास थाना पुलिस की ओर से शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये 36 वर्षीय युवक छोटे लाल बिंद की मौत पीएमसीएच में रविवार की रात हो गयी. विचाराधीन बंदी की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमार्टम करा शव को घर लाने के बाद सड़क जाम कर हंगामा किया.
हंगामा कर रहे परिजनों ने बताया कि बाइपास थाना के बाहरी बेगमपुर सीधे बाजार निवासी छोटे लाल बिंद को 11 मई की रात गिरफ्तार कर जेल भेजा था. 14 मई को उसकी तबीयत बिगड़ने पर कारा चिकित्सक पदाधिकारी की अनुशंसा पर बंदी को पीएमसीएच में उपचार के लिए भरती कराया गया. उपचार के क्रम में ही रविवार की रात्रि लगभग सवा दस बजे उसकी मौत हो गयी.
मौत के बाद अस्पताल प्रशासन व कारा प्रशासन ने सोमवार को शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया. शव आते ही फूटा गुस्सा, पुलिस से झड़प पोस्टमार्टम के बाद शव को घर लाने के साथ ही परिजन व मुहल्ले के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित लोगों ने बाइपास थाना मोड़ के समीप फोर लेन सड़क पर शव को रख जाम कर दिया. सड़क जाम किये लोगों का कहना है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाये और बंदी की मौत कैसे हुई, इसकी जांच करायी जाये. क्योंकि मृतक के चेहरे पर चोट के निशान हैं.
हालांकि सड़क जाम छुड़ाने के लिए बाइपास थाना की पुलिस पहुंची, तो पुलिस से भी लोगों की झड़प व धक्का-मुक्की हुई. लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए बाद में वहां पर चौक, अगमकुआं, दीदारगंज, मालसलामी व अन्य दूसरे थानों की मोबाइल को भी बुलाया गया.
इधर सड़क जाम की स्थिति में एनएच पर वाहनों के परिचालन का गणित बिगड़ गया था. लगभग तीन घंटे से अधिक समय तक सड़क जाम कर हंगामा कर रहे लोगों को काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शांत कराया और जाम छुड़ाने में सफलता पायी.
कौन बनेगा सहारा
पटना सिटी : विचाराधीन बंदी की रहस्यमय मौत के बाद परिवार का सहारा कौन बनेगा, रो-रो कर पत्नी लक्षमिनिया देवी व बेटी फेंकनी यह सवाल कर रही थी. गम में डूबे परिवार के सदस्यों ने बताया कि मजदूरी कर परिवार का पालन करनेवाले छोटे लाल बिंद की मौत से परिवार उजड़ गया है. अब परिवार में कौन सहारा बनेगा, यह समझ में नहीं आ रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम के बाद शव भाई को सौंपा गया. वह जैसे ही शव को घर लेकर आया, लोगों का गुस्सा भड़क उठा.
पहले से था बीमार
आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर के जेल अधीक्षक रूपक कुमार ने बताया कि 12 तारीख को जब उसे कारा में लाया गया, तो उस समय भी उसकी तबीयत खराब थी. जेल अस्पताल में ही भरती कर उसका उपचार किया जा रहा था. रविवार को जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी, तो कारा चिकित्सक की अनुशंसा पर उसे पीएमसीएच भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी.
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