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यह गंभीर ही नहीं, जघन्य अपराध : सीएम पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय विषमता और आर्थिक असमानता दूर किये बिना ह्यूमन ट्रैफिकिंग को कम नहीं किया जा सकता है. देश में क्षेत्रीय असंतुलन वाले राज्यों में एेसी घटनाएं होती हैं. ऐसे गरीब राज्यों के गरीब तबके के लोगों को, जिन्हें रोजगार […]

यह गंभीर ही नहीं, जघन्य अपराध : सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय विषमता और आर्थिक असमानता दूर किये बिना ह्यूमन ट्रैफिकिंग को कम नहीं किया जा सकता है. देश में क्षेत्रीय असंतुलन वाले राज्यों में एेसी घटनाएं होती हैं. ऐसे गरीब राज्यों के गरीब तबके के लोगों को, जिन्हें रोजगार के साधन नहीं है या आजीविका ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं, उन्हें ही टारगेट किया जाता है. उन्हें गुमराह कर और प्रलोभन देकर बहलाया-फुसलाया जाता है. मुख्यमंत्री शुक्रवार को एक होटल में आयोजित छठे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग कॉन्क्लेव में बोल रहे थे. कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने कहा कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग सीरियस ही नहीं, हीनियस (जघन्य) क्राइम है.
गरीब लोगों को फुसला कर लोग ले जाते हैं, खासकर लड़कियों को. रोजगार दिलाने के नाम पर ले जाते हैं, लेकिन बाद में उन पर शोषण करते हैं. इसके लिए सिर्फ कानून से कुछ नहीं होगा. जनचेतना जगानी होगी. लोगों को एहसास करना होगा कि कोई लड़का या फिर लड़की को ले गया है, तो शोषण करेगा या फिर यौन शोषण करेगा. राज्य सरकार ऐसे मामलों पर लगातार मॉनीटरिंग करती है. लेकिन,सिर्फ सरकार से ही नहीं, सामाजिक संगठनों के संयुक्त प्रयास से इस पर काबू पाया जा सकता है. जब तक समाज सुधारक प्रत्यक्ष तौर पर भागीदार नहीं होंगे और भूमिका नहीं निभायेंगे, तब तक संभ‌व नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इसके लिए 2008 में ही नीति बनायी है. बच्चों को श्रमिक के रूप में इस्तेमाल करना, दूसरे राज्यों या देश से बाहर भेज कर काम कराना गलत है. इसकी रोकथाम के लिए समाज कल्याण, श्रम विभाग व पुलिस महकमा कार्रवाई करती है. सरकार ऐसे सामाजिक मसलों पर संवेदनशील है. ऐसे मामलों पर चुस्ती तब आयी, जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई बच्चा अगर गायब हो तो सीधे अपहरण का मामला दर्ज किया जाये.
मुख्यमंत्री ने आंकड़े के जरिये बताया कि मानव तस्करी मामले पर 2012 में 53 ऑपरेशन चलाये गये थे. इसमें 221 बच्चों की बरामदी हुई और 207 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. ऐसे ही 2013-16 तक राज्य भर में मिसिंग के 8327 मामले सामने आये. इनमें से 5256 को ट्रेस कर लिया गया है और 3056 का अब भी पता नहीं चल सका है. उन्होंने कहा कि मानव तस्करी से जो बच्चे छुड़ाये जा रहे हैं, उन्हें पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल ही 25 हजार रुपये देने शुरू किये हैं. उनकी मॉनीटरिंग हो रही है और डाटा बेस भी तैयार किया जा रहा है. सरकार बच्चों को छुड़ाने में मदद करने वालों को भी पुरस्कृत करने की तैयारी कर रही है.
सीएम ने कहा कि आज प्रदेश में इतनी योजनाएं चल रही है कि कोई भूखा नहीं मर सकता है. हर आदमी तक बात नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में सिर्फ सरकारी तंत्र से इसे दुरुस्त नहीं किया जा सकता. इसके लिए जनचेतना जरूरी है. इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्ता, क्रेग हॉल समेत अन्य मौजूद थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
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