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स्वास्थ्य सेवा में सुधार को नौ जिला अस्पतालों का होगा अपग्रेडेशन
पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, वैशाली, सहरसा, भोजपुर, औरंगाबाद व बांका जिले शामिल पटना : इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य के नौ जिला अस्पतालों का अपग्रेडेशन किया जा रहा है. यहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जायेंगी. हर प्रमंडल से एक-एक जिला अस्पताल का चयन किया गया है. साथ ही […]
पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, वैशाली, सहरसा, भोजपुर, औरंगाबाद व बांका जिले शामिल
पटना : इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य के नौ जिला अस्पतालों का अपग्रेडेशन किया जा रहा है. यहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जायेंगी. हर प्रमंडल से एक-एक जिला अस्पताल का चयन किया गया है.
साथ ही राज्य के तीन जिला अस्पतालों को आपदा राहत के रूप में विकसित किया जा रहा है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा राज्य में इस वित्तीय वर्ष में कई नयी योजनाएं शुरू करने की अनुमति भारत सरकार से मांगी है. स्टेट प्लान इंप्लीमेंटेशन प्रोग्राम में इस तरह के नयी योजनाओं को शामिल किया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर कार्यपालक पदाधिकारी सह बीएमएसआइसीएल के एमडी प्रदीप कुमार झा ने बताया कि राज्य के जिन नौ जिला अस्पतालों का अपग्रेडेशन किया जायेगा, उसमें पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, वैशाली, सहरसा, भोजपुर, औरंगाबाद और बांका शामिल हैं.
हर जिला अस्पताल के अपग्रेडेशन के लिए पांच करोड़ का आवंटन स्वीकृत हुआ है. नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा इसके डीपीआर की स्वीकृति मिल चुकी है. इसके अलावा राज्य के तीन जिलों को आपदा प्रबंधन के लिए चिह्नित किया गया है.
उन्होंने बताया कि नालंदा, सुपौल व मोतिहारी जिला अस्पताल को आपदा प्रबंधन के लिए चयनित किया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग की मदद से इन तीनों जिलों में इस तरह की व्यवस्था की जायेगी जिससे कि वहां आपदा आने के समय लोगों की आश्रय स्थली के रूप में भी प्रयोग किया जा सके. साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यहां आपदा के लिए मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण दिया जायेगा. साथ ही आशा को प्रशिक्षण दिया जाना है. यह बताया जायेगा कि आपदा आने कि स्थिति में किस तरह की सेवाओं को आरंभ करना है. झा ने बताया कि इसके साथ ही ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाने के लिए दो जिलों के 511 ग्राम पंचायतों में पायलट के रूप में कार्यक्रम चलाया जायेगा.
इसमें नवादा जिला के 187 ग्राम पंचायत और दरभंगा जिला के 324 ग्राम पंचायत शामिल है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 10 उच्च जोखिमवाले जिलों में नवजातों के बेहतर देखरेख और इलाज के लिए परिवहन सेवाओं में सुधार किये जाने का प्रस्ताव है. इन जिला अस्पतालों में नवजातों की देखरेख के लिए नवजात केयर यूनिट की स्थापना की गयी है. किसी बच्चे को यहां से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर करने की स्थिति में उसके जान को जोखिम होता है. इस जोखिम को कम करने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है कि इन जिलों में नवजातों के परिवहन के लिए इनक्यूवेटर सेवा को जोड़ा जायेगा.
उच्च प्राथमिकता वाले सहरसा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, शिवहर, सीतामढ़ी, जमुई, गया, पूर्वी चंपारण और कटिहार जिलों से नवजातों को रेफर करने पर उनको इनक्यूवेटर में रखकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा जायेगा. बीमार बच्चों में शरीर के तापमान को ठीक रखना होता है. शरीर का तापमान कम नहीं हो इसके लिए नवजातों को इनक्यूवेटर में रखकर रेफर किया जायेगा.
इससे उनके जान का खतरा नहीं होगा. उन्होंने बताया कि राज्य के 27 जिलों में जहां सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में 14 जिला एसएनसीयू में माताओं के रहने के लिए शेड के निर्माण कराना है. बीमार बच्चों को न्यूबॉर्न केयर यूनिट में भर्ती करा दिया जाता है जबकि मां को ठहरने के लिए स्थान नहीं होता. इस तरह की माताओं को अस्पताल में ठहरने के लिए शेड का निर्माण कराया जायेगा.
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