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25 लाख के विकास कार्य की अनुशंसा का मिले अधिकार

पटना : जिला पार्षद अध्यक्षाें ने सरकार से विधायक, विधान पार्षद के तर्ज पर प्रति वर्ष जिला पार्षद को 25 लाख, पंचायत समिति को 10 लाख तथा वार्ड सदस्य को 5 लाख रुपया विकासात्मक कार्य हेतु अनुशंसा का अधिकार देने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने पंचायत प्रतिनिधिगण के मानदेय को तीन गुना […]

पटना : जिला पार्षद अध्यक्षाें ने सरकार से विधायक, विधान पार्षद के तर्ज पर प्रति वर्ष जिला पार्षद को 25 लाख, पंचायत समिति को 10 लाख तथा वार्ड सदस्य को 5 लाख रुपया विकासात्मक कार्य हेतु अनुशंसा का अधिकार देने की मांग की है.
इसके साथ ही उन्होंने पंचायत प्रतिनिधिगण के मानदेय को तीन गुना बढ़ाने की भी मांग सरकार से की है. बिहार प्रदेश जिला पार्षद अध्यक्ष संघ के बैनर तले धरना देते हुए सभी अध्यक्षों ने पंचायती राज प्रतिनिधिगण के अधिकारों में लगातार कटौती तथा विकासात्मक कार्यों के निष्पादन में अनावश्यक हस्तक्षेप तथा पंचम वित्त आयोग व 14वीं वित्त में जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायतों की भागीदारी खत्म करने के प्रयास के साथ 15 सूत्री मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की. गर्दनीबाग में धरना को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश जिला पार्षद अध्यक्ष संघ सह अध्यक्ष जिला पर्षद पूर्वी चंपारण प्रियंका जायसवाल ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बापू के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में राज्य व केंद्र सरकार की पंचायती राज विरोधी सोच और अफसरशाही बाधक बन रही है.
वहीं पटना की जिला पार्षद अध्यक्ष अंजू देवी ने कहा कि चुनाव हुए लगभग दस महीने हो चुके हैं, मगर राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है. जिला योजना समिति का चुनाव अभी तक नहीं कराया जा सका है. ग्राम कचहरी के सदस्य न्याय देने के बदले अधिकार के लिए न्याय मांगने को विवश हैं.
धरना के बाद पांच सदस्यीय जिला परिषद अध्यक्षगणों का शिष्टमंडल मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह से मिल कर उन्हें ज्ञापन सौंपा, जिस पर उन्होंने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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