पटना: पटना के कैंसर पीड़ितों के लिए रेलवे की रियायती यात्रा गले की हड्डी बन गयी है. दिल्ली, मुंबई सहित अन्य महानगरों से वापसी का आरक्षण टिकट पीड़ितों का पटना जंकशन से नहीं दिया जा रहा है. पीड़ित जंकशन के आरक्षण केंद्र से लेकर अधिकारियों तक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही है. पीड़ितों को वापसी का टिकट संबंधित स्टेशन से लेने की सलाह दी जा रही है.
ऐसे में पीड़ितों के हाथ मायूसी लग रही है. कैंसर पीड़ितों के इलाज व जांच के लिए यात्र करने पर रेलवे की तरफ से टिकट में रियायत देने का प्रावधान तो है, लेकिन पीड़ितों को इसका लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. पटना के गुलजारबाग के रहनेवाले कैंसर पीड़ित अशोक कुमार सिंह का एक साल पहले दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था. इसके बाद प्रत्येक तीन महीने पर वह दिल्ली जांच कराने जाते हैं. पटना से दिल्ली का टिकट तो उन्हें प्राप्त हो गया है, लेकिन वापसी के टिकट को लेकर वह पिछले 15 दिनों से पटना जंकशन का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन रियायती टिकट नहीं मिल पा रहा है. शुक्रवार को वह जंकशन के अधिकारियों से मिले और इसकी शिकायत की. पीड़ित का कहना था कि आरक्षण केंद्र पर यह बताया गया है कि दिल्ली से पटना का टिकट यहां से जारी नहीं होगा.
दिल्ली से लेना होगा
वापसी का रियायती टिकट दिल्ली से लेना होगा. मुश्किल यह है कि दो माह से पहले अब आरक्षण टिकट बुक नहीं होता है, जबकि पीड़ित को हर तीन माह पर दिल्ली जाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में न तो वह दिल्ली रेलवे स्टेशन से टिकट ले पा रहा है और न ही पटना जंकशन से. रियायती फॉर्म लेकर उसे स्टेशन पर भटकना पड़ रहा है. इसके अलावा कई कैंसर पीड़ित टिकट के लिए चक्कर काट रहे हैं और उन्हें रेलवे के नियम-कानून के मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.
रेफर केस में भी नहीं मिलती रियायत
पीड़ितों को रेफर केस में भी रियायत नहीं मिल रहा है. रेलवे प्रशासन का कहना है कि रियायत उन्हें ही दिये जाने का प्रावधान है, जो घर से अस्पताल इलाज के लिए व अस्पताल से घर जा रहे हों. जिन मरीजों को पटना के किसी अस्पताल ने दिल्ली, मुंबई या अन्य शहरों के अस्पताल के लिए रेफर किया जाता है उन्हें रियायत नहीं मिलती. ऐसे में पीड़ित जंकशन पर चक्कर लगा रहे हैं.
पीड़ित ने पुस्तिका में दर्ज की शिकायत
पीड़ित अशोक कुमार ने उपस्टेशन प्रबंधक वाणिज्य के कार्यालय में जाकर शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज की. रेल अधिकारियों का कहना है कि रियायत के लिए जो नियम बना है उसकी के मुताबिक टिकट दिया जा रहा है.