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नीतीश करा रहे हैं लालू और मंत्रियों का फोन टेप : मोदी

‘साहब’ ने जेल से जिस नंबर से किया था फोन, वह किसका! पुलिस जुटी है इस तरह के अन्य सभी फैक्ट्स का पता लगाने में, सभी तथ्य किये जा रहे एकत्र इससे पहले चैनल पर चले ऑडियो में मौजूद आवाज की करायी जायेगी जांच, क्या सही हैं ये आवाज पटना : पिछले साल अप्रैल के […]

‘साहब’ ने जेल से जिस नंबर से किया था फोन, वह किसका!
पुलिस जुटी है इस तरह के अन्य सभी फैक्ट्स का पता लगाने में, सभी तथ्य किये जा रहे एकत्र
इससे पहले चैनल पर चले ऑडियो में मौजूद आवाज की करायी जायेगी जांच, क्या सही हैं ये आवाज
पटना : पिछले साल अप्रैल के दौरान सीवान जेल में बंद बाहुबली मो शहाबुद्दीन उर्फ साहब की राजद प्रमुख लालू प्रसाद, अपने ड्राइवर और एक शराब माफिया से हुई बातचीत के ऑडियो की जांच हर पहलू पर होगी. पुलिस मुख्यालय के सभी आला अधिकारी फिलहाल जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में कुछ भी कहना चाहते हैं. फिलहाल पुलिस महकमा सबसे पहले इस ऑडियो टेप को चैनल से मांगकर इसकी सत्यता की जांच कराना चाहती है.
ताकि यह भरोसा हो सके कि इसमें मौजूद आवाज वास्तव में इन दोनों के ही हैं या किसी दूसरे ने तो इसे डब करके तैयार कर दिया है. इस टेप की सत्यता की जांच होने के बाद यह पता किया जायेगा कि आखिर यह लीक कहां से हुआ है. हालांकि इसके लीक होने के सभी संभावित प्वाइंट की शुरुआती जांच शुरू हो गयी है. अब तक जांच से यह पता चल रहा है कि साहब और राजद प्रमुख के बीच की बातचीत का यह ऑडियो पिछले साल अप्रैल में रामनवमी के आसपास का है. अन्य दोनों ऑडियो टेप भी इसके आसपास के हैं. इसी दौरान साहब के जेल में जनता दरबार लगाने और फेसबुक पर अपना प्रोफाइल फोटो अपडेट करने की खबर काफी वायरल हुई थी. इस दौरान भी काफी हो हल्ला हुआ था.
जेल प्रशासन की लापरवाही और मैन्यूअल का उल्लंघन करने के आरोप में तत्कालीन जेल सुप्रीटेंडेंट राधेश्याम सुमन समेत तीन-चार अन्य जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. ये सभी कर्मी अभी तक निलंबित हैं और इन पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. इस मामले की पूरी छानबीन चल रही है. इसके मद्देनजर यह भी एक आशंका यह भी व्यक्त की जा रही है कि कहीं तत्कालीन जेल सुप्रीटेंडेंट ने ही तो इस ऑडियो को लीक नहीं किया. साहब के मोबाइल को सर्विलांस पर रखते हुए उनकी होने वाली तमाम बातचीत को रिकॉर्ड किया जाता था. इस पहलू पर भी जांच की जा रही है.
अगर जेल के अंदर से सही में इतनी आसानी से फोन आ और जा रहे थे, तो ये नंबर किसके नाम पर थे. किस नंबर से राजद प्रमुख को या अन्य लोगों से बात हुई. ड्राइवर ने बाहर से जिस नंबर पर कॉल करके साहब से बात की, वह नंबर किसके नाम पर था. इस बात का पता खासतौर ले लगाया जा रहा है. यह भी सवाल उठने लगा है कि सिम कार्ड अंदर कौन लेकर गया था.
सीवान ही नहीं अन्य जेलों की भी है यही हालत
सीवान जेल में सिर्फ साहब ही नहीं, अन्य जेलों में बंद अन्य बाहुबली और अन्य क्रिमिनल जेल में आसानी से फोन का उपयोग करते हैं. जेलों में अकसर होने वाली छापेमारी के दौरान मोबाइल समेत अन्य चीजों की बरामदगी हमेशा होते रहती है. पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार, जेल में बंद जितने भी बाहुबली है, वह अकसर किसी ने किसी नेता, किसी माननीय या अन्य लोगों से बात करते ही रहते हैं. कई बार कईयों के मोबाइल सर्विलांस पर रखकर इनकी रिकॉर्डिंग भी की जाती है. परंतु यह जांच-पड़ताल या सुरक्षा कारणों से किया जाता है.

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