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गैर परंपरागत बिजली की खपत बढ़ाने पर अब जोर

प्रदेश में प्रतिदिन चार हजार मेगावाट ऊर्जा की जरूरत पटना : गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की नीति को बिहार भी अपने यहां लागू कर रहा है. बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने भी बिजली कंपनी को गैर पारंपरिक ऊर्जा की खपत को बढ़ावा देने के कहा है. आयोग ने चालू […]

प्रदेश में प्रतिदिन चार हजार मेगावाट ऊर्जा की जरूरत
पटना : गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की नीति को बिहार भी अपने यहां लागू कर रहा है. बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने भी बिजली कंपनी को गैर पारंपरिक ऊर्जा की खपत को बढ़ावा देने के कहा है. आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष में साढ़े पांच व अगले वित्तीय वर्ष में छह फीसदी गैर परंपरागत बिजली का उपयोग करने के कहा है.
बिजली कंपनी इसकी तैयारी में जुट गयी है. गैर परंपरागत ऊर्जा में फोकस सोलर इनर्जी पर है. इसके अलावा पवन ऊर्जा का भी उपयोग किया जायेगा. अभी प्रतिदिन राज्य में औसतन चार हजार मेगावाट बिजली की खपत है. इसमें से अधिकांश थर्मल पावर है. विनियामक आयोग के आदेश के बाद बिजली कंपनी गैर पारंपरिक ऊर्जा को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है.
इसके लिए पिछले दिनों पवन ऊर्जा के लिए दो कंपनियों से दो सौ मेगावाट बिजली खरीद करेगा. सोलर इनर्जी के बाद केंद्रीय गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय ने पवन ऊर्जा पर फोकस किया है. मंत्रालय हजार मेगावाट का विंड पावर प्रोजेक्ट लगाने का फैसला लिया है. बिहार इसमें से दो सौ मेगावाट की खरीद करेगा. आयोग के निर्देश को आलोक में बिजली कंपनी ने दो कंपनियों से शॉर्ट टर्म करार किया है.
अलग-अलग कंपनियों से 108 मेगावाट और 161 मेगावाट का करार किया है. बिहार को केंद्र से 3.53 रुपये यूनिट के हिसाब से पवन ऊर्जा की बिजली मिलेगी. मौजूदा विंड पावर की दर में यह सबसे सस्ता है. पवन ऊर्जा के लिए बिहार ने पावर ट्रेड सेंटर से करार किया है.
पांच सौ मेगावाट का बनेगा सोलर पार्क
राज्य में पांच सौ मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाने की योजना है. सरकार ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है. ढाई सौ मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क कजरा में बनाने की योजना है. कजरा में एनटीपीसी के सहयोग से ताप बिजली घर बनना है. इसके अलावा अब यहां पर 250 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क भी बनेगा. एनटीपीसी की टीम ने स्थल निरीक्षण भी कर चुकी है. एनटीपीसी को जल्द सोलर पार्क का डीपीआर जमा करने के कहा गया है.
अन्य और जगह की तलाश की जा रही है. इसके अलावा घरों में बिजली की खपत कम करने के लिए सोलर रुफटाप पावर प्लांट को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार 45 प्रतिशत तक अनुदान भी देगी. प्लांट लगाने वालों को कुल लागत का महज 25 फीसदी ही खर्च करना होगा. केंद्र सरकार भी 30 फीसदी अनुदान देती है. राज्य सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत को बढ़ावा दे रही है. सदर अस्पताल, समाहरणालय और जिला अतिथि गृहों में सोलर रूफटाप पावर प्लांट लगाया जा रहा है. सोलर पंप के जरिये पटवन भी होगा.
राज्य सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नीति बना रही है. ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर सहमति के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है. वहां से सहमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट में भेजा जायेगा. नयी नीति को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का रास्ता साफ हो जायेगा. राज्य में पहले की जो नीति थी वह बहुत व्यापक नहीं था. नयी नीति में मुख्य रूप से टैरिफ की चर्चा होगी. इसके अलावा सोलर इनर्जी के क्षेत्र में जो कंपनियां आयेंगी या इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कौन-कौन सी सुविधा देगी इन सबों की चर्चा रहेगी.

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