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कैबिनेट के फैसले, इंटर पास ही बनेंगे होमगार्ड जवान

पटना : राज्य में अब होमगार्ड का जवान बनने के लिए इंटर पास होना अनिवार्य होगा. पहले इसके लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास थी, जिसे बदल कर राज्य सरकार ने इंटर पास या इसके समकक्ष कर दिया है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के […]

पटना : राज्य में अब होमगार्ड का जवान बनने के लिए इंटर पास होना अनिवार्य होगा. पहले इसके लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास थी, जिसे बदल कर राज्य सरकार ने इंटर पास या इसके समकक्ष कर दिया है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि कुल आठ मामलों पर अंतिम सहमति बनी. अब होमगार्ड के किसी जवान की मौत सेवाकाल के दौरान होने पर उसके आश्रित को नौकरी दी जायेगी. इसके तहत सिपाही या समकक्ष के पद पर नियुक्ति के लिए इसकी प्रक्रिया में उम्रसीमा एवं शारीरिक मानदंड में शिथिलता देने की शक्ति होमगार्ड के महासमादेष्टा को दी गयी है, ठीक उसी तरह जिस तरह पुलिस के मामलों में डीजीपी को यह शक्ति होती है. इसी तरह होमगार्ड के वर्ग-घ के किसी कर्मी की मौत होने पर उम्रसीमा समेत अन्य प्रक्रिया में शिथिलता प्रदान करने की शक्ति भी महासमादेष्टा को प्रदान की गयी है.
अब राज्य आपदा रिस्पांस बल में भारतीय सेना या नौसेना के सेवानिवृत्त या कमीशन प्राप्त या जूनियर कमीशन प्राप्त या नॉन कमीशन प्राप्त अधिकारियों या जवानों की नियुक्ति की जायेगी. इसके अलावा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी संविदा पर इस बल में की जायेगी. सेना से जूनियर कमीशन या नॉन-कमीशन प्राप्त अधिकारियों की अधिकतम उम्रसीमा 50 वर्ष और कमीशन प्राप्त की अधिकतम उम्रसीमा 55 वर्ष रखी गयी है. जवानों की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्रसीमा 40 वर्ष रखी गयी है. सभी कर्मियों को तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया जायेगा. उनकी कार्यदक्षता एवं आचरण के आधार पर उन्हें अगले पांच वर्षों के लिए सेवा विस्तार दिया जायेगा. विशेष परिस्थिति में सेवा विस्तार दो वर्षों के लिए दिया जायेगा. लेकिन, किसी भी कर्मी को 60 वर्षों की उम्र के बाद कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जायेगा.
सरकारी भवनों में अग्नि से सुरक्षा के लिए खास इंतजाम
राज्य सरकार के मुख्य सचिवालय समेत नौ अन्य प्रमुख प्रशासनिक भवनों में अाग से सुरक्षा के लिए तीन पदों का सृजन किया गया है. आग से विशेष सुरक्षा के लिए मुख्य सचिवालय, विकास भवन, सिंचाई भवन, मुख्यमंत्री सचिवालय, राजभवन समेत नौ प्रमुख कार्यालयों का चयन पहले चरण में किया गया है. इन भवनों में अग्नि सुरक्षा के लिए अग्निशमन सेवा के तीन कर्मियों की तैनाती की जायेगी. इसमें एक पद फायर सब-स्टेशन ऑफिसर और दो पद फायरमैन के होंगे.
इन भवनों में तैनात होंगे तीन कर्मी – मुख्य सचिवालय, विकास भवन, सिंचाई भवन, विश्ववेशरैया भवन, सूचना भवन और मुख्य मंत्री सचिवालय
इन भवनों में तैनात होंगे दो कर्मी- नियोजन भवन, हाइकोर्ट और राजभवन
सभी जिलों में पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी गठित
राज्य के सभी जिलों में ‘पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी’ का गठन करने की घोषणा कर दी गयी है. हालांकि, इसका गठन वर्ष 2007 में ही कर दिया गया था, लेकिन इसका क्रियाकलाप ठप पड़ा था. कैबिनेट के फैसले के बाद इसे अधिसूचित कर दिया गया है. इसमें सभी जिलों के डीएम को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि एसपी को उपाध्यक्ष, जिला पशुपालन पदाधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है.
इसके अलावा चार अन्य सदस्य बनाये गये हैं. सदस्यों में संबंधित जिले के पशु संरक्षण कमेटी और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताहो सकते हैं. इस सोसाइटी का मुख्य कार्य पशुओं की हर तरह से रक्षा करना, उन्हें रोगमुक्त बनाये रखने के लिए प्रयास करना, पशु संरक्षण पर सेमिनार और गोष्ठी करना, पशु मेलाओं में सभी तरह के संसाधनों का प्रबंध करना और अधिक दूध के लिए पशुओं में इंजेक्शन के उपयोग के रोकथाम के लिए प्रयास करना. इसके अलावा पटना स्थित जल संसाधन विभाग के अधीन बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र (एफएमआइएससी) के नियंत्रण में कोसी बेसिन विकास परियोजना के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र के सुचारु संचालन के लिए एक तकनीकी या विशेषज्ञ दल का गठन किया जायेगा.

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