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सेवांत लाभ का पैसा चल कर आयेगा आपके पास

पटना: इस माह से जो राज्यकर्मी रिटायर होंगे, उन्हें सरकार ने राहत देने का निर्णय लिया है. ड्राफ्ट की राशि भुनाने के लिए कर्मियों को बैंक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. प्रशासी विभाग उनके बैंक खाते में राशि ट्रांसफर कर देगा और वह अपनी सुविधा के अनुसार निकाल सकेंगे. वित्त विभाग ने हाल ही में […]

पटना: इस माह से जो राज्यकर्मी रिटायर होंगे, उन्हें सरकार ने राहत देने का निर्णय लिया है. ड्राफ्ट की राशि भुनाने के लिए कर्मियों को बैंक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. प्रशासी विभाग उनके बैंक खाते में राशि ट्रांसफर कर देगा और वह अपनी सुविधा के अनुसार निकाल सकेंगे. वित्त विभाग ने हाल ही में यह फैसला लिया है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. इस संबंध में सभी विभागीय प्रमुखों, प्रमंडलीय आयुक्तों व डीएम को निर्देश दे दिया गया है.

वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रति वर्ष कुल कार्यरत कर्मियों की संख्या में से तीन प्रतिशत रिटायर होते हैं. यानी वर्तमान में साढ़े तीन लाख कर्मचारी कार्यरत हैं. इस हिसाब से लगभग एक हजार कर्मी हर वर्ष रिटायर होंगे. उन्हें सरकार के इस फैसले से राहत मिलेगी. अब तक रिटायर होनेवाले कर्मियों के सेवांत लाभ यानी ग्रुप बीमा, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि व अजिर्त अवकाश का पैसा बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से दिया जाता था. बैंक ड्राफ्ट मिलने व उसे कैश होने में महीनों लग जाते थे, इससे कर्मचारियों को परेशानी होती थी. कर्मचारी संगठन भी बैंक खाते में ट्रांसफर करने की मांग कर रहा था.

घर बैठे ही पहुंच जायेगा पैसा
वित्त विभाग ने प्रावधान यह किया गया है कि अगर कोई कर्मी पटना में सरकारी सेवा में है और वह कोसी या मिथिलांचल क्षेत्र का निवासी है और वह रिटायरमेंट के बाद अपने पैतृक गांव में रहना चाहता है, तो उसे वहां के राष्ट्रीयकृत बैंक का एकाउंट नंबर व आइएफएस कोड विभाग को लिखित रूप से बताना होगा. इसके बाद उसके तमाम प्रकार के बकाये की राशि को उस खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. इसके लिए उसे पटना का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. अगली कड़ी में सरकार का प्रयास है कि सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार की बकाया राशि उसके खाते में चली जाये. अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों में तो यह व्यवस्था है, लेकिन राज्य प्रशासनिक सेवा समेत अन्य कर्मियों के बारे में यह व्यवस्था नहीं है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करने पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है.

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