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कई गंभीर मरीजों का नहीं हो सका ऑपरेशन, और बिगड़ गयी हालत

पटना : संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर चले जाने से राजधानी समेत पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच व सदर अस्पतालों में भरती मरीजों का न ऑपरेशन हो पा रहा है और न ही जांच हो पा रही है. लगातार दूसरे दिन गुरुवार को पीएमसीएच में 16 और एनएमसीएच […]

पटना : संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर चले जाने से राजधानी समेत पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच व सदर अस्पतालों में भरती मरीजों का न ऑपरेशन हो पा रहा है और न ही जांच हो पा रही है. लगातार दूसरे दिन गुरुवार को पीएमसीएच में 16 और एनएमसीएच में 30 ऑपरेशन नहीं हुए. इसको लेकर मरीजों के आक्रोशित परिजनों ने ओटी के बाहर हंगामा भी किया. हालांकि, ओटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग कर लोगों को वहां से भगा दिया.
पीएमसीएच
पीएमसीएच में गुरुवार को 31 ऑपरेशन होने थे, लेकिन सिर्फ 15 ऑपरेशन ही किये गये. ऐनेस्थेसिया विभाग के हेड डॉ विजय गुप्ता ने बताया कि कर्मचारियों व डॉक्टरों के आपसी सहयोग से 15 ऑपरेशन किये गये. लेकिन, 16 ऑपरेशन टाल दिये गये हैं. जबकि, ऑपरेशन नहीं होने के चलते गंभीर मरीजों की हालत बिगड़ने लगी है. इधर, पीएमसीएच में हुए 15 ऑपरेशन में एक ऑपरेशन अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा की पत्नी का भी किया गया. डॉक्टरों के मुताबिक उनके गाॅल ब्लाडर में स्टोन था. एनेस्थेसिया विभाग ने उनकी रिपोर्ट को सही करार दिया. इसके बाद उनका ऑपरेशन किया गया है. वहीं, जिन 16 मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो सका उनका अब ऑपरेशन कब होगा इसके बारे में मरीजों को सूचना तक नहीं दी गयी है.
एनएमसीएच
हड़ताल से गुरुवार को दूसरे दिन भी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 मरीजों के आॅपरेशन टल गये. इस तरह दो दिनों के अंदर अस्पताल में 61 मरीजों का आॅपेरशन हड़ताल की वजह से नहीं हो सका. इस कारण गंभीर मरीज परेशान रहे. दूसरी ओर, बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के तहत बिहार राज्य अनुबंधित पारा मेडिकल कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनरतले एकत्रित हड़ताली पारा मेडिकल कर्मियों ने दूसरे दिन भी अधीक्षक कार्यालय के समक्ष धरना दिया. हालांकि, इसी बीच गुरुवार को अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख आजाद हिंद व प्रधान सचिव के ओएसडी शंकर प्रसाद अस्पताल पहुंचे और अधीक्षक कक्ष में अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह के साथ हड़ताली कर्मियों से बातचीत की. लेकिन वार्ता विफल होने की स्थिति में हड़ताली अधिकारी लौट गये.
केस – 1
वैशाली जिले के लालगंज से आया नीरज कुमार (17) गैस सिलिंडर के फट जाने से बुरी तरह से झुलस गया है. प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भरती नीरज के हाथ का ऑपरेशन होना था. लेकिन, हड़ताल के चलते उसका ऑपरेशन नहीं हो पाया. नीरज की मां शोभा कुमारी ने बताया कि पिछले छह दिनों से पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक में उनका बेटा भरती है. शरीर जल जाने से वह पीड़ा में है, बावजूद उसका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. जबकि, बड़ी मुश्किल से ऑपरेशन का दिन तय हुआ था.
केस – 2
भागलपुर से आये गौरव कुमार (13) के हाथ का ऑपरेशन होना है. गौरव के हाथों की अंगुलियां काम नहीं कर रही हैं. उसके पिता सकलदेव मंडल ने बताया कि ओटी नंबर एक में गुरुवार को ऑपरेशन होना था. लेकिन, डॉक्टरों ने हड़ताल के चलते ऑपरेशन की तारीख बढ़ा दी है. पिता ने आरोप लगाया कि बेटे को भरती तो कर लिया गया, लेकिन उसको बेड तक नसीब नहीं है. लाचार हालत में फर्श में रह कर इलाज कराना पड़ रहा है. पिता ने बताया कि अगर दो दिनों के अंदर ऑपरेशन नहीं हुआ तो मजबूरन प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ेगा.

पीएमसीएच में बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त कराने व हड़ताल खत्म कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर इन चीफ डॉ आजाद हिंद प्रसाद अस्पताल पहुंचे. पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा, ओएसडी शंकर प्रसाद आदि की मौजूदगी में तीन घंटे तक वार्ता चली.

प्रिंसिपल चेंबर में आयोजित इस वार्ता के दौरान बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री विश्वनाथ सिंह, पारा मेडिकल के राजेश कुमार व अमित मिश्रा सहित 12 लोग मौजूद थे. डायरेक्टर इन चीफ ने पुराने संविदा कर्मचारियों को जहां वरीयता देने व नौकरी से नहीं निकालने की बात कही. लेकिन, उनके आश्वासन पर कर्मचारी संतुष्ट नहीं दिखे. संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि डॉ आजाद ने विज्ञापन के माध्यम से संविदा पर नौकरी देने व पुराने कर्मचारियों को वरीयता देने के लिए दो प्रतिशत अंक देने की बात कही है. पर, इनमें कई ऐसे कर्मी हैं जिनका अंक कम रहेगा, ऐसे में कर्मचारी इस आश्वासन से नाराज हैं. हालांकि, बैठक के बाद अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
हमने संविदा पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के 12 सदस्यीय शिष्टमंडल को वार्ता के लिए बुलाया था. स्वास्थ्य विभाग की ओर से डायरेक्टर इन चीफ डॉ आजाद हिंद प्रसाद भी वार्ता में आये थे. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि पुराने लोगों को नहीं हटाया जायेगा व उनको अधिक प्राथमिकता दी जायेगी. परमानेंट के मुद्दे को लेकर पहले से ही चौधरी कमेटी बनी हुई. कमेटी के आदेश के बाद निर्णय होगा.
डॉ एसएन सिन्हा, प्रिंसिपल, पीएमसीएच
डायरेक्टर इन चीफ ने कहा, विज्ञापन के माध्यम से नये सिरे पर होगी संविदा पर बहाली, नियुक्ति में पुराने कर्मचारियों को दो प्वाइंट की दी जायेगी छूट
क्या कहता है संघ
वार्ता के लिए डायरेक्टर इन चीफ डॉ आजाद हिंद प्रसाद आये थे. प्रिंसिपल चेंबर में आयोजित बैठक में उन्होंने अपनी बात रखी. कई तरह के आश्वासन भी दिये. उनके द्वारा दिये गये आश्वासन को लेकर हम बैठक करेंगे और संविदा कर्मचारी इसको लेकर निर्णय लेंगे. अगर कर्मचारी मानेंगे तो ठीक, वरना हड़ताल जारी रहेगी.
डॉ विश्वनाथ सिंह, महामंत्री, बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

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