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नीतीश ने रवाना किया अनोखा गांधी रथ, बापू का संदेश फिल्म के जरिये पहुंचेगा गांव-गांव

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी के संदेशों व विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बुधवार को 26 ‘गांधी रथ’ रवाना किये. 16 गांधी रथ पहले ही जिलों में पहुंच चुके हैं. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी, 2017-18 के अवसर पर इन रथों के जरिये बापू की जीवनी, चंपारण सत्याग्रह व स्वतंत्रता आंदोलन पर […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी के संदेशों व विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बुधवार को 26 ‘गांधी रथ’ रवाना किये. 16 गांधी रथ पहले ही जिलों में पहुंच चुके हैं. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी, 2017-18 के अवसर पर इन रथों के जरिये बापू की जीवनी, चंपारण सत्याग्रह व स्वतंत्रता आंदोलन पर बनी डॉक्यूमेंट्री, भजन और गीतों को दिखाया जायेगा और फोटो की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी. इसके अलावा राज्य सरकार के सात निश्चय की भी चर्चा की जायेगी. ‘गांधी रथ’ रवाना करने से पहले अधिवेशन भ‌वन में महात्मा गांधी की जीवनी, चंपारण सत्याग्रह और स्वतंत्रता आंदोलन पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी.
करीब एक घंटे की डॉक्यूमेंट्री को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गांधीवादी विचार रामाशंकर सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह समेत पदाधिकारियों ने देखा. डॉक्यूमेंट्री में गांधी के बचपन से लेकर शहीद होने तक के घटनाक्रम को पिरोया गया है. कैसे उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की, वकालत पढ़ने विदेश गये, दक्षिण अफ्रीका में प्रैक्टिस किया, वहां कैसे उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और इसके बाद वहां अहिंसा आंदोलन चलाया, उसे कड़ी-दर- कड़ी दिखाया गया है.
वहीं, गांधी जब 1915 में भारत लौटे और कैसे एक किसान राजकुमार शुक्ल के कहने पर चंपारण आये और ऐसा सत्याग्रह छेड़ा, जिसने उन्हें महात्मा का दर्जा दिया, इसे चरणवार दिखाया गया है. स्वतंत्रता संग्राम में गोलमेज सम्मेलन, उनकी डांडी यात्री, भारत छोड़ो आंदोलन के साथ-साथ आजादी से पहले शुरू हो गयी सांप्रदायिक तनावों को भी दिखाया गया है, जिसका वह अनशन व अहिंसा के जरिये विरोध करने रहे. 30 जनवरी, 1948 को शहीद होने से पहले एक प्रार्थना सभा में हथगोले से हुए हमले काे भी डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है, जिसमें वह बाल-बाल बच गये थे. सूचना व जनसंपर्क विभाग ने गांधी के संदेशों व उनके विचारों को गांधी रथ के जरिये प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाला है. मल्टीमीडिया सुविधा से सुसज्जित गांधी रथों को गांव-गांव व शहरों में जायेगा.
गांधी रथ की खासियत
गांधी रथ पूरी तरह फैब्रिकेटेड, जीपीएस युक्त, एसइडी स्क्रीन समेत टीवी, साउंड सिस्टम समेत जेनरेटर की सुविधा से लैस हैं. ये ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जायेंगे और हर दिन पांच जगहों पर डॉक्यूमेंट्री दिखायी जायेगी. शहरी क्षेत्रों में बड़े रथों को लगाया गया है, जबकि गांवों के लिए छोटे वाहनों को रथ का रूप दिया गया है, ताकि छोटी-छोटी गलियों में भी पहुंच सकें. इन पर गांधी की तसवीरें व कोटेशन भी लगे हैं.
जनप्रतिनिधि करेंगे उद्घाटन
गांधी रथों से प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम का उद्घाटन जनप्रतिनिधि करेंगे. उद्घाटन व भाषण स्थानीय विधायक, पार्षद, प्रखंड के प्रमुख, उपप्रमुख, पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, जिला पर्षद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, नगर निकाय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, वार्ड सदस्यों से करवाया जायेगा. इसके साथ ही विभाग के पदाधिकारी और जिला कमेटी मोबाइल एप के जरिये इन कार्यक्रमों की सही समय की मॉनीटरिंग कर सकेगी.
गांधी रथ से प्रचार-प्रसार के लिए कमेटी गठित
गांधी रथों से प्रचार-प्रसार कार्यक्रम चलाने के लिए जिला स्तरीय आयोजन व मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया गया है. डीएम इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे, जबकि डीपीआरओ-एडीपीआरओ सदस्य सचिव होंगे. इनके अलावा स्टेट रिसोर्स ग्रुप के प्रतिनिधि व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी इसके सदस्य होंगे. जिला स्तर पर गांधी रथ से प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम यह कमेटी ही तैयार करेगी और एक से सवा घंटे तक का यह कार्यक्रम होगा. यह कार्यक्रम किसी हाइस्कूल या मिडिल स्कूल में किया जायेगा. इसके अलावा उस पंचायत या शहरी वार्ड के प्राथमिक स्कूल, हाट या बाजार या फिर अन्य दूसरी महत्वपूर्ण जगहों पर इसका आयोजन किया जायेगा.

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