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जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र की हालत खस्ता

पटना : सरकार के सात निश्चय में युवाओं के सहायता के लिए बने जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र का छह माह में हालत खस्ता हो गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के सात निश्चय में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना व कुशल युवा के कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन पर असर पड़ […]

पटना : सरकार के सात निश्चय में युवाओं के सहायता के लिए बने जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र का छह माह में हालत खस्ता हो गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के सात निश्चय में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना व कुशल युवा के कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन पर असर पड़ सकता है.
जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र के बने अभी छह माह हुए हैं, लेकिन कई जिले में छत से पानी टपकने लगा है. कमरे में एसी की व्यवस्था नहीं होने से उपकरण के खराब होने की आशंका जतायी जा रही है. केंद्र पर बुनियादी सुविधा नहीं होने से आनेवाले युवाओं को परेशानी हो रही है. शौचालय, पानी पीने की व्यवस्था, साइकिल स्टैंड नहीं होने आदि को लेकर युवा परेशान रहते हैं. बिहार विकास मिशन के उपमिशन निदेशक द्वारा जिले का भ्रमण करने के दौरान 14 जिले में जिला निबंधन सह परामर्श केंद्रों पर कमी पायी गयी. केंद्रों पर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कार्यरत एजेंसियों को कहा गया है, लेकिन जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र को बनानेवाली एजेंसी छोटे-छोटे काम में दिलचस्पी नहीं ले रही है. यहां तक कि योजना व विकास विभाग के प्रधान सचिव ने केंद्रों पर सुविधाएं बहाल करने के लिए भवन निर्माण विभाग को कहा है.
एजेसी नहीं ले रही रुचि : राज्य के सभी जिला में बने जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र के निर्माण पर 139 करोड़ खर्च हुए हैं. केंद्र का निर्माण विभिन्न एजेंसियों द्वारा किया गया है. एजेंसी को सभी काम पूरा कर हैंड ऑवर करना था. दो अक्तूबर 2016 को उद्घाटन को लेकर आनन-फानन में केंद्र हैंडओवर कर दिया गया है. केंद्र की समीक्षा के दौरान पाया गया है कि जिला निबंधन व परामर्श केंद्र के भवन व अन्य संरचनाओं के छोटे-छोटे काम अभी अधूरे हैं. कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा उन कामों को पूरा करने में रुचि नहीं ली जा रही है.
केंद्र में बचे हुए काम होंगे : भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि केंद्र में अधूरे काम पूरा होगा. इस संबंध में एजेंसी को निर्देश दिया गया है. निरीक्षण में जो त्रुटियां पायी गयी है उसे पूरा किया जायेगा.
राज्य में 14 जिले में जिला निबंधन सह परामर्श केंद्रों पर सुविधाओं की कमी है. निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आयी है. दरभंगा, नालंदा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, शेखपुरा, सुपौल, लखीसराय, अरवल, गया, बेगूसराय, सीवान, गोपालगंज, अररिया व शिवहर जिले में केंद्रों पर कमी देखी गयी. हाल ही में हुई वर्षा व ओलावृष्टि से अररिया, सुपौल व शिवहर जिले में जिला निबंधन सह केंद्र के भवन का छत क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे पानी का रिसाव हो रहा है.
इससे आइटी हार्डवेयर व अन्य उपकरणों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बतायी गयी है. मधेपुरा में यूपीएस रूम में केंद्र के बनने से लेकर अभी तक एसी नहीं लगाया गया है. गरमी का मौसम आ गया है. यूपीएस के खराब होने की संभावना है. जबकि सभी जिला निबंधन व परामर्श केंद्र के यूपीएस रूम में एक-एक अतिरिक्त एसी लगाने का निर्देश है. केंद्रों पर वसुधा केंद्र की व्यवस्था कारगर नहीं है.
वसुधा केंद्र के माध्यम से छात्र अपना आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवा सकते हैं. मुजफ्फरपुर जिले में 16 प्रखंडों में 176 कौशल विकास केंद्र के विरुद्ध मात्र नौ प्रखंड में कौशल विकास केंद्र का संचालन हो रहा है. केंद्र पर साइकिल स्टैंड नहीं होने से दूर-दराज से आनेवाले छात्र कहां साइकिल लगाये इसे लेकर परेशानी है. केंद्र के बाहर साइकिल लगाने से चोरी होने का भय सताता है.
केंद्र के बाहर एप्रोच रोड नहीं होने से केंद्र में पहुंचने में परेशानी होती है. खासकर वर्षा होने पर आसपास पानी जमा होने से कीचड़ की स्थिति होती है. सभी केंद्रों के बाहर एप्रोच रोड बनाना है. मुंगेर में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है. केंद्रों पर वाच टावर, गार्ड रूम कई जिले में नहीं बना है.

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