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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार की जमीन पर बन रहा 750 करोड़ का मॉल

पटना : संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में मिट्टी खरीद मामले को उजागर करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जमीन और उस पर बन रहे मॉल को लेकर सवाल उठाये हैं. शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सुशील मोदी ने कहा कि यह जमीन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार की है. जमीन […]

पटना : संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में मिट्टी खरीद मामले को उजागर करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जमीन और उस पर बन रहे मॉल को लेकर सवाल उठाये हैं. शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सुशील मोदी ने कहा कि यह जमीन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार की है. जमीन पर मालिकाना हक उनकी पत्नी सह पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव का है.

उस जमीन पर 750 करोड़ की लागत से मॉल का निर्माण किया जा रहा है. वहीं, लारा (लालू-राबड़ी) प्रोजेक्ट एलएलपी कंपनी में राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव व तेजस्वी डायरेक्टर हैं. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि लालू प्रसाद के परिवार ने न चुनाव आयोग और न ही सरकार को दी जाने वाली संपत्ति के ब्योरे में कहीं भी इसका जिक्र किया है और इस अवैध संपत्ति को छिपा ली है. सुशील मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से पूछा है कि जिस मॉल की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान को बेची गयी वह किसकी जमीन है और उसके मालिक कौन हैं? कैसे एक गरीब व चपरासी का बेटा 20-25 साल की राजनीति में इतनी संपत्ति अर्जित कर सकता है.
यह वेतन व दूध के व्यवसाय से तो संभव नहीं है. सुशील कुमार मोदी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव व स्वास्थ्यमंत्री तेजप्रताप यादव से भी पूछा है कि वे जिस कंपनी की जमीन है उसके मालिक हैं या नहीं. सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बरखास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नैतिकता व ईमानदारी की बात करते हैं, तो उनके दो मंत्रियों पर जो गंभीर आरोप लगे हैं, उस पर अविलंब कार्रवाई करें. उन्होंने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को धन्यवाद दिया है कि 2005 में उन्होंने इस मामले को सामने लाया था.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि मिट्टी खुदाई करते-करते जमीन व मॉल का मामला सामने आ गया है. 25 फरवरी, 2005 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने हर्ष कोचर को रेलवे में दो होटल रांची व पूरी में दिलाया और उसके बदले पटना के सगुना मोड़ के पास दो एकड़ से ज्यादा जमीन बेनामी तरीके से डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्ट्री करवा ली. उस समय यह कंपनी राजद के राज्यसभा सांसद प्रेम गुप्ता व उनके परिवार की थी. इस कंपनी में 2010 से एक-एक कर लालू प्रसाद के सदस्य डायरेक्टर बनने लगे. राबड़ी देवी, तेज प्रताप, तेजस्वी यादव, चंदा, रागिनी डारयरेक्टर बनी. 12 नवंबर 2016 को इस कंपनी का नाम बदल कर लालू-राबड़ी के नाम पर लारा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया. इस कंपनी के नियम व उद्देश्य में भी बदलाव किये गये और आवासीय घर, होटल, रिसॉर्ट निर्माण को जोड़ा गया. बाद में 14 फरवरी 2017 को इस कंपनी का नाम बदल कर लाला प्रोजेक्ट्स एलएलपी कर दिया गया. साथ ही डायरेक्टर से चंदा व रागिनी को हटा दिया गया.
अब इस कंपनी का 2402 शेयर राबड़ी देवी के पास और 800-800 शेयर तेजप्रताप व तेजस्वी यादव के पास है. उन्होंने कहा कि इस कंपनी ने 15 सालों से कोई काम नहीं किया है. केवल कालेधन को सफेद किया है. सुशील मोदी ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद इस प्रकार की अपनी अवैध संपत्ति को बचाने के लिए ही नोटबंदी का विरोध कर रहे थे. उन्हें बिहार की जनता को बताना चाहिए कि यह जमीन उनके पास कैसे आयी?

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