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सीबीएसइ के शिक्षकों से भी जांच करायी जायेंगी कॉपियां
पटना : राज्य में मैट्रिक और इंटर परीक्षा की कॉपी का मूल्यांकन कार्य हर हाल में समय पर पूरा करने के लिए सरकार ने सख्त निर्देश दिये हैं. कई जगहों पर इस कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर करने का निर्देश मुख्य सचिव (सीएस) अंजनी कुमार सिंह ने सभी जिलों […]
पटना : राज्य में मैट्रिक और इंटर परीक्षा की कॉपी का मूल्यांकन कार्य हर हाल में समय पर पूरा करने के लिए सरकार ने सख्त निर्देश दिये हैं. कई जगहों पर इस कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हड़ताली शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर करने का निर्देश मुख्य सचिव (सीएस) अंजनी कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को दिया है.
सीएस ने मुख्य सचिवालय में गुरुवार को सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ इस मुद्दे पर विशेष तौर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके कई अहम निर्देश दिये. उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिया कि जो शिक्षक मूल्यांकन कार्य को बाधित करते हैं, उनके खिलाफ एफआइआर करने के साथ-साथ सेवा से बरखास्त करने से संबंधित कार्रवाई भी करें. कॉपी के मूल्यांकन कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं उत्पन्न हो, इसका खासतौर से ध्यान रखें. मूल्यांकन केंद्रों से किसी तरह के उपद्रवियों को दूर रखें और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. जो हड़ताली शिक्षक इस कार्य में बाधा पहुंचाते हैं, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करके सख्त कार्रवाई करें. किसी भी सूरत में मूल्यांकन कार्य बाधित नहीं होना चाहिए. ताकि दोनों परीक्षाओं के रिजल्ट निर्धारित समय पर प्रकाशित हो सके.
सीएस अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि अगर किसी जिला में कॉपी के मूल्यांकन में शिक्षकों की कमी आड़े आती है, तो यह कार्य निजी स्कूल के शिक्षकों से भी करवा सकते हैं. इसके लिए संबंधित जिलों में सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त स्कूलों का चयन करके उनके शिक्षकों को कॉपी की जांच कार्य में लगा सकते हैं. उन्होंने जिलों को कहा कि कॉपी के मूल्यांकन में किसी हालत में कोई व्यावधान उत्पन्न नहीं हो. इस वीसी के दौरान शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन समेत अन्य सभी विभागीय अधिकारी मौजूद थे.
पटना. शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने इंटरमीडिएट और मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे शिक्षकों से अपील की है कि वे बच्चों के भविष्य को लेकर काम पर लौट जाये. मूल्यांकन नहीं होने से समय पर रिजल्ट जारी नहीं हो सकेगा और बिहार के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए परेशानी हो सकती है. शिक्षा मंत्री मूल्यांकन से अपने को अलग रखे शिक्षकों से अपील की है कि सरकार उनकी मांगों के प्रति सजग है.
साथ ही उनकी मजबूती, उन्हें दी जानी वाली सुविधाओं, सेवा शर्तों व अन्य मांगों पर भी आवश्यक कार्रवाई करना चाहती है. इसलिए बिहार के छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसके लिए शिक्षकों से अनुरोध है कि मूल्यांकन के काम में अविलंब सहयोग प्रदान करें. सरकार शिक्षकों की मांगों पर विचार कर उनके व्यापक हित में अपेक्षित कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार शिक्षकों के वेतन, अन्य सुविधाओं, सेवा शर्तों, क्षमता निर्माण और पढ़ाने में सहयोग करने के लिए कृतसंकल्प है.
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