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पीयू परिसर में ही बनेगा डॉल्फिन रिसर्च सेंटर
पटना : गंगा में मौजूद डॉल्फिन की सुरक्षा के लिए अब जल्द ही डॉल्फिन रिसर्च सेंटर बनाया जायेगा. चार साल बाद अब सेंटर बनाने की शुरुआत की जा रही है. इसके लिए पटना विश्वविद्यालय जमीन देने के लिए तैयार है. इस वर्ष सेंटर का काम शुरू कर दिया जायेगा. वर्ष 2012-13 में ही डॉल्फिन रिसर्च […]
पटना : गंगा में मौजूद डॉल्फिन की सुरक्षा के लिए अब जल्द ही डॉल्फिन रिसर्च सेंटर बनाया जायेगा. चार साल बाद अब सेंटर बनाने की शुरुआत की जा रही है. इसके लिए पटना विश्वविद्यालय जमीन देने के लिए तैयार है. इस वर्ष सेंटर का काम शुरू कर दिया जायेगा. वर्ष 2012-13 में ही डॉल्फिन रिसर्च सेंटर बनाया जाना था. सेंटर की स्थापना पटना विवि में हो, इसके लिए विश्वविद्यालय से जमीन की भी मांग की गयी थी. लेकिन, जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण सेंटर का काम बीते चार वर्षों से अटका पड़ा है. हालांकि, भागलपुर में भी जमीन खोजने का काम किया गया. पर, वहां भी जमीन नहीं मिल पायी. ऐसे में अब पुन: पटना विवि की जमीन पर ही सेंटर बनाने की कवायद शुरू कर दी गयी है.
जंतु विज्ञान विभाग में चल रहा रिसर्च का काम
डॉल्फिन रिसर्च सेंटर नहीं होने से रिसर्च का काम पटना विवि के जंतु विज्ञान विभाग में किया जा रहा है. हालांकि, रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 30 और राज्य सरकार द्वारा 70 फीसदी राशि खर्च की जायेगी. वर्ष 2013-14 में ही 19.16 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गयी थी. इसमें केंद्र सरकार द्वारा 5.74 करोड़ और राज्य सरकार द्वारा 13.41 करोड़ का फंड निर्गत किया गया है. जमीन के अभाव में केंद्र सरकार द्वारा आयी राशि आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के पास दो वर्षों से पड़ी है.
ये बनाये जायेंगे
सेंटर की स्थापना दो एकड़ जमीन में की जानी है. इसके लिए रिसर्च सेंटर में लैब और संग्रहालय, उपकरण, सेमिनार हॉल आदि बनाये जाने हैं. वहीं, पर्यावरण एवं वन विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में 816.20 लाख की राशि आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार को सौंपी गयी है. वहीं, अलग से राज्य योजना मद से भी राशि आवंटित की गयी है.
सेंटर होना जरूरी
डॉल्फिन पर रिसर्च कर रहे पद्मश्री रवींद्र कुमार सिन्हा बताते हैं, कि डॉल्फिन की घटती संख्या को देखते हुए इस पर काम करने की जरूरत है. ऐसे में सेंटर की स्थापना जरूरी है. इसके जरिये कॉलेज छात्र-छात्राओं द्वारा भी कई कार्य किये जा सकेंगे. सेंटर के जरिये गंगाजल का भी रिसर्च किया जाना था, ताकि डॉल्फिन की सुरक्षा संबंधी कार्य किये जा सकें.
जल्द काम होगा शुरू
जमीन के अभाव में सेंटर का काम रुका हुआ था. पर, अब जल्द ही इस पर काम शुरू किया जायेगा. इसके लिए बीते एक वर्ष से प्रयास किया जा रहा था, ताकि सेंटर का काम शुरू हो सके. भरत ज्योति, पदाधिकारी, डॉल्फिन प्रोजेक्ट, वन एवं पर्यावरण विभाग
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