पटना : वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधान परिषद में घोषणा की है कि राज्य में दोषी या फर्जी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) या चिट फंड कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जायेगी. इन कंपनियों के धोखाधड़ी के मामलों को बेहद गंभीरता से लिया गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही वित्त समेत इससे संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करके ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने से संबंधित टारगेट दिये जायेंगे.
संरक्षण (वित्तीय स्थापनाओं में) (संशोधन) विधेयक 2017 मंजूर
कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट तैयार करके इसे सरकार को सौंपने के लिए कहा जायेगा. वह सूरज नंदन प्रसाद के अल्प सूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में नॉन-बैंकिंग कंपनियों के क्रिया-कलापों की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पहले से ही बीपीआइडी एक्ट, 2002 बना हुआ है. बिहार विधानमंडल ने गुरुवार को बिहार जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण (वित्तीय स्थापनाओं में) (संशोधन) विधेयक 2017 को मंजूर कर दिया है.
पुलिस अधीक्षक भी अब करेंगे मामले की जांच
वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि यह कानून चिट फंड कंपनियों में जमाकर्ताओं के हित में है. अब तक किसी मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक करते थे, लेकिन अब पुलिस अधीक्षक भी इस मामले को देखेंगे. साथ ही जमाकर्ता की राशि भुगतान के लिए संबंधित नॉन बैंकिंग कंपनी से राशि वसूली जायेगी. उन्होंने कि नॉन बैंकिंग कंपनी को आरबीआई लाइसेंस देता है. उन्होंने वित्तमंत्री मंत्रियों, विधायकों से अपील की वे किसी भी नॉन बैंकिंग कंपनी के कार्यक्रम में न जाये. उनके कार्यक्रम में जाने पर लोग कंपनी पर विश्वास करने लगते हैं और कंपनी को सही मानने लगते हैं.
विधेयकों को मिली मंजूरी
बिहार विधानमंडल ने बिहार विनियोग व्यय विधेयक 2017, बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017 और पटना विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017 को भी मंजूरी दी.