पटना. आइसा व इनौस की अगुवाई में मंगलवार को हजारों छात्र-नौजवानों ने विधानसभा का घेराव किया. चितकोहरा गोलंबर से प्रदर्शनकारियों ने मार्च शुरू किया. मार्च काे गर्दनीबाग में पुलिस ने बैरिकेटिंग कर रोका. प्रदर्शनकारियों ने वहीं सभा की. सभा को माले विधायक दल के नेता काॅमरेड महबूब आलम व सुदामा प्रसाद ने संबोधित किया.
मार्च का नेतृत्व इनौस के राज्य अध्यक्ष मनोज मंजिल, आइसा के राज्य अध्यक्ष मोख्तार, इनौस के राज्य सचिव नवीन कुमार, आइसा के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा के शबीर कुमार, बाबूसाहेब, रामजी यादव, संदीप चैधरी, काजिम इरफानी, जयशंकर कुमार, प्रवीण कुमार, अनुज दास, मधुसूदन, भोजपुर आइसा के संदीप कुमार व राजू राम इनौस नेता रविन्द्र यादव, संतोष कुुमार केशरी व गौरी शंकर, आरा कतिरा छात्रावास के छात्र प्रधान पप्पू कुमार, भभुआ आंबेडकर कल्याण छात्रावास के छात्र प्रधान अमरजीत कुमार, आंबेडकर आवासीय विद्य़ालय भोजपुर की छात्रा रूचि कुमारी, जहानाबाद कल्याण छात्रावास के बबलू पासवान आदि छात्र-युवा नेताओं ने किया.
माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने अपने भाषण में बिहार में शिक्षा की हालत को बदतर बताया. उन्होंने कहा, रोजगार के नाम पर मुट्ठी भर नौजवानों को बेहद न्यूनतम मानदेय पर खटवाया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. शिक्षा व रोजगार सांस्थानिक भ्रष्टाचार की गहरे चपेट में है और दलित, कमजोर व अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रा-छात्राएं इसके खास निशाने पर हैं. एक तरफ शिक्षा में भारी भ्रष्टाचार है, तो दूसरी ओर दलित-कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में भी लगातार कटौती की जा रही है. निजी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में बिहार से बाहर पढ़ने वाले दलित छात्रों की छात्रावृत्ति सरकार ने बीच में ही रोक दी थी, जिससे उनका भविष्य अध्र में लटक गया. अन्य दूसरी छात्रवृत्तियों में भी लगभग 80 प्रतिशत तक कटौती की गयी है. भारी चुनौतियों का सामना करते हुए यदि इस समुदाय के कुछेक छात्र-छात्राएं स्कूलों व काॅलेजों में किसी प्रकार पहुंच भी जा रहे हैं, तो डीका कुमारी बलात्कार-हत्याकांड जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. हम इन सवालों पर सरकार से जवाब चाहते हैं, लेकिन यह सरकार जवाब नहीं देती. हमने विधानसभा में भी इसी प्रश्न पर आवाज उठायी. सभा का संचालन आइसा के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन ने किया.
सभा के बाद मुख्यमंत्री की ओर से मुख्यमंत्री सचिवालय के सहायक सचिव ने आइसा-इनौस के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की और ज्ञापन लिया.
ये हैं मुख्य मांगें
अांबेडकर-कस्तूरबा सहित तमाम दलित-अल्पसंख्यक छात्रावासों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुरक्षा, और संसाधन
5000 रुपये बेरोजगारी भत्ता
सभी रिक्त सरकारी पदों पर स्थायी बहाली
शिक्षा-रोजगार घोटाले की सीबीआई जांच
समान स्कूल प्रणाली सभी गरीब-एससी-एसटी -अल्पसंख्यक-ओबीसी छात्रों की छात्रवृति कटौती की वापसी
नये छात्रावासों के निर्माण