‘अग्रिम जमानत का मौका देकर सरकार करीबियों को बचाती है’

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सरकार अपने लोगों को किस तरह से बचाती है इसका ज्वलंत उदाहरण जदयू विधायक व भर्ती घोटाला के आरोपी मेवालाल चौधरी. उनको गिरफ्तार नहीं कर उन्हें अग्रिम जमानत लेने का मौका दिया गया. पहले तो मुख्यमंत्री ने अपने करीबी मेवालाल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 27, 2017 6:26 AM
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सरकार अपने लोगों को किस तरह से बचाती है इसका ज्वलंत उदाहरण जदयू विधायक व भर्ती घोटाला के आरोपी मेवालाल चौधरी. उनको गिरफ्तार नहीं कर उन्हें अग्रिम जमानत लेने का मौका दिया गया.
पहले तो मुख्यमंत्री ने अपने करीबी मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच नहीं करायी. राजभवन की पहल पर हाइकोर्ट के जज महफूज आलम की जांच रिपोर्ट पर प्राथमिकी दर्ज की गई तो डेढ़ महीने तक पुलिस सरकार के इशारे पर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी, लुकआउट नोटिस जारी करने व पासपोर्ट जब्त करने का नाटक करती रही. आरोपित को बचने व अग्रिम जमानत लेने का भरपूर मौका मिल गया.
महफूज आलम की रिपोर्ट आने के एक महीना बाद 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में गड़बड़ी करने के आरोप में मेवालाल चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर निचली अदालत से उन्हें अग्रिम बेल मिलने का इंतजार करती रही. जब निचली अदालत से बेल रिजेक्ट हो गयी तो पुलिस कुर्की-जब्ती का आदेश लेने का नाटक करती रही ताकि हाइकोर्ट से उन्हें बेल मिल जाये.
चौधरी को बचाने के लिए ही पुलिस ने जानबूझ कर प्राथमिकी दर्ज करने के एक महीना बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की एक धारा जोड़ी ताकि मामला भागलपुर की निचली अदालत और पटना निगरानी कोर्ट में उलझा रहे और तब तक चौधरी को अग्रिम बेल लेने का मौका मिल जाये.
ब्रजेश पाण्डेय के मामले में भी पुलिस उनको अग्रिम जमानत मिलने तक गिरफ्तारी के लिए छापेमारी का महज दिखावा कर रही है.

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