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इमरजेंसी नहीं, ये है वेटिंग सेवा इलाज के लिए कीजिए इंतजार

अव्यवस्था. पीएमसीएच व आइजीआइएमएस का खस्ताहाल आइजीआइएमएस में 150 नये मरीज आते हैं, 25 का ही हो पाता है इलाज पीएमसीएच में बेड के लिए तीन दिनों की वेटिंग पटना : प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में पीएमसीएच और आइजीआइएमएस का नाम आता है. यही वजह है कि यहां भीड़ भी काफी होती है. इस […]

अव्यवस्था. पीएमसीएच व आइजीआइएमएस का खस्ताहाल
आइजीआइएमएस में 150 नये मरीज आते हैं, 25 का ही हो पाता है इलाज
पीएमसीएच में बेड के लिए तीन दिनों की वेटिंग
पटना : प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में पीएमसीएच और आइजीआइएमएस का नाम आता है. यही वजह है कि यहां भीड़ भी काफी होती है. इस कारण यहां इलाज कराना आसान नहीं है. कई बार तो इमरजेंसी में भी वेटिंग का स्टैटस होता है. प्राथमिक इलाज हो जाये, तो बेड के लिए वेटिंग. यह परेशानी रोज की है, यही वजह है कि मरीजों का पलायन प्राइवेट अस्पतालों में होता है और गंभीर मरीजों का इलाज यहां नहीं हो पाता.
56 बेड ही हैं इमरजेंसी वार्ड में : आइजीआइएमएस के आइसीयू में 18, एचडीयू में 18 और जनरल इमरजेंसी में 20 और कुल 56 बेड इमरजेंसी में उपलब्ध हैं. लेकिन इमरजेंसी वार्ड में रोजाना 150 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. ये सभी मरीज गंभीर स्थिति के हाेते हैं. डॉक्टर भरती के लिए लिखते हैं, लेकिन बेड खाली नहीं होता. औसतन 150 में से 125 मरीज प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करते हैं. यहां इमरजेंसी और आइसीयू में भरती होने पर जहां तीन से पांच हजार रुपये खर्च होते हैं, वहीं प्राइवेट अस्पताल Rs 7-10 हजार चार्ज लेते हैं.
केस 1 : बाइपास इलाके में सड़क दुर्घटना में घायल राहुल कुमार को 17 मार्च को पीएमसीएच लाया गया. राहुल के दाहिने पैर व हाथ में चोट आयी थी. हालांकि, इमरजेंसी में ट्रीटमेंट के तौर पर बैंडेज-पट्टी कर दी गयी, लेकिन बेड के अभाव में स्ट्रेचर पर ही रखा गया. राहुल के बड़े भाई आदित्य राज ने बताया कि कंकड़बाग स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भरती कराया गया.
केस 2 : रीना कुमारी के किडनी में संक्रमण है. डॉक्टरों ने आइसीयू में भरती होने को बोला, लेकिन इमरजेंसी आइसीयू में बेड फुल होने के कारण डॉक्टरों ने भरती लेने से मना कर दिया. हाजीपुर की रहनेवाली रीना के पति संतोष कुमार ने बताया कि आइसीयू में बेड खाली नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जबकि बेड के लिए दो दिन चक्कर लगाने पड़े.
पीएमसीएच इमरजेंसी में बहुत जल्द बेड बढ़ाये जायेंगे, रोगी कल्याण समिति की बैठक में निर्णय लिया जा चुका है. इमरजेंसी, आइसीयू और शिशु रोग विभाग को शामिल किया गया है. बेड बढ़ते ही मरीजों की परेशानी खत्म हो जायेगी.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच
पटना. राज्य सरकार जहां सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए मुफ्त दवा और इलाज की व्यवस्था करा रही हैं. वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पार्किंग स्थल पर मरीजों और परिजनों से जबरन वसूली की जा रही है. दिन में पार्किंग के नाम पर मरीजों से 10 से 20 रुपये तक की वसूली की जा रही है. बड़ी बात तो यह है कि यह पीएमसीएच के खेल मैदान में जहां एक पार्किंग को अवैध घोषित किया गया है. वहीं, दूसरी ओर एक और पार्किंग बना कर रोजाना एक से डेढ़ हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है.
रजिस्ट्रेशन काउंटर के सामने बना दी अवैध पार्किंग : पीएमसीएच के रजिस्ट्रेशन काउंटर के सामने इन दिनों अवैध पार्किंग बना दी गयी है. यह पार्किंग अस्पताल प्रशासन व ठेकेदारों की मिलीभगत से संचालित हो रही है. ओपीडी में इलाज कराने के लिए आनेवाले मरीज पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर से परची लेते हैं, उस काउंटर के सामने खाली जगह पर दो पहिया व चार पहिया वाहनों को पार्क कराया जा रहा है. मजे की बात तो यह है कि यहां दो गार्ड भी रहते हैं, जिनके हाथ में पार्किंग की रसीद होती है.

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